अकेले ही शिवलिग की स्थापित, बाबा पर भड़के शिवभक्त
रामबाग श्मशानघाट में शिवलिग की बेअदबी और चोरी के बाद मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब श्मशानघाट के बाबा अशोक अग्रवाल ने उज्जैन से आए नए शिवलिग को अकेले ही बिना प्राण प्रतिष्ठा के स्थापित कर दिया।
संवाद सहयोगी, जालंधर छावनी : रामबाग श्मशानघाट में शिवलिग की बेअदबी और चोरी के बाद मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब श्मशानघाट के बाबा अशोक अग्रवाल ने उज्जैन से आए नए शिवलिग को अकेले ही बिना प्राण प्रतिष्ठा के स्थापित कर दिया। इस बात की भनक लगाने पर शिव भक्तों ने श्मशानघाट रामबाग मंदिर में जाकर बाबा के खिलाफ नारेबाजी की।
गौरतलब है कि बाबा के खिलाफ बोलने वाले शिव भक्तों ने ही शिवलिग की बेअदबी को लेकर पुलिस पर आरोपित को पकड़ने का दबाव बनाया है। भक्तों ने उज्जैन से आए नए शिवलिग को स्थापित करने के लिए 23 जनवरी का समय सुनिश्चित किया था जिसमें उन्होंने शिवलिग की प्राण प्रतिष्ठा के लिए विद्वान ब्राह्मणों को निमंत्रण भी दिया था जिनकी योजना आज धरी की धरी रह गई। भक्तों में गुस्सा इतना अधिक था कि उन्होंने बाबा की पोल भी खोलनी शुरू कर दी। कई भक्तों ने तो बाबा को रामबाग से बाहर निकालने तथा बाबा के डेरे को ताला लगाने को भी कह दिया जबकि बाबा यह कहते रहे कि कोई उन्हें हाथ नहीं लगाएगा, जो हाथ लगाएगा वह भस्म हो जाएगा। बाबा व उसके परिवार ने श्मशानघाट में किया है कब्जा
इस मामले में दूसरे पक्ष के भगत प्रदीप भारद्वाज, अजय शर्मा व बंटी विक्रम बांसल का कहना है कि बाबा अशोक और उसके परिवार ने श्मशानघाट में कब्जा जमाया हुआ है। उन्होंने कहा कि बाबा ने बिना प्राण प्रतिष्ठा करवाए शिवलिग स्थापित कर दी जो सीधे रूप से शिवलिग और भोले बाबा की बेअदबी है। उसे शिवभक्त माफ नहीं करेंगे।
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बाबा बोला-मैंने जो किया उचित किया
दूसरी ओर बाबा अशोक अग्रवाल का कहना है कि मैं शिव भगत हूं और श्मशान घाट में रहता हूं, मैंने जो किया उचित किया और तुम्हें जो उचित लगता है तुम वह खुदकर ले मुझे कोई एतराज नहीं है।