कैसे हो व्यवस्था में सुधार... Driving Track पर पहुंचे बड़े पुलिस अधिकारी ने ही कर दी Agent की सिफारिश
अफसर ने आदेश दिया कि इसका काम न रोका जाए। जो भी काम आता है तुरंत किया जाए। हालांकि उस वक्त वहां पर दूसरे लोग भी मौजूद थे तो बात बाहर निकल आई।
जालंधर, जेएनएन। पुलिस का फर्ज गैरकानूनी कामों को रोकना है, लेकिन यहां एक उल्टा ही वाक्या देखने को मिला। पुलिस कमिश्नरेट के एक बड़े अधिकारी ने सरेआम एक एजेंट की सिफारिश कर डाली। अपने अंदाज में अफसर ने आदेश दिया कि इसका काम न रोका जाए। जो भी काम आता है, तुरंत किया जाए। हालांकि उस वक्त वहां पर दूसरे लोग भी मौजूद थे तो बात बाहर निकल आई।
मंगलवार को एक पुलिस अधिकारी अपनी सरकारी गाड़ी में ड्राइविंग ट्रैक पहुंचे। उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस के लिए पत्नी की फोटो करवानी थी। पुलिस अफसर को देख ट्रैक पर तैनात सुरक्षाकर्मी भी उनके साथ चल पड़ा, ताकि कोई दिक्कत न हो। अफसर ने अपनी पत्नी की फोटो करवाई। उनके साथ एक एजेंट भी पहुंचा हुआ था। वहां पुलिस अधिकारी के सामने एक महिला कर्मचारी आई तो उन्होंने आदेश देना शुरू कर दिया कि इसका कोई काम न रोका करो। जो भी काम लेकर आता है, उसे तुरंत कर दिया करो। हालांकि महिला कर्मचारी को भी समझ नहीं आया कि यह सब क्या है। इतना बड़ा अफसर ही एजेंटों की सिफारिश कर रहा है। उस वक्त तो उक्त महिला ने हां कर दी, लेकिन बाद में यह बात अपने इंचार्ज व अन्य सीनियर्स को बताई। इसकी कोई शिकायत तो नहीं हुई, लेकिन यह चर्चा जरूर रही कि जब एजेंटों के सिफारिशी ऐसे बड़े पुलिस अफसर होंगे तो फिर ड्राइविंग ट्रैक से एजेंटों का जाल कैसे हटाया जाएगा। पहले भी आरटीए दफ्तर के अफसरों पर ही एजेंटों से साठगांठ के आरोप लगते रहे हैं।
किसी की सिफारिश नहीं मानी जाएगी
स्मार्टचिप कंपनी के इंचार्ज मनिंदर सिंह ने कहा कि कोई पुलिस अफसर आया था और सीधे महिलाकर्मी को कहने लगा कि वो एजेंट का काम करें। अगर उन्हें कुछ कहना था तो मुझसे या आरटीए के क्लर्क से कह देते। मैंने तो कर्मचारियों को सीधा कहा है कि अगर कोई एजेंट आता है या सिफारिश आती है तो उनका काम करने के बजाय उन्हें मेरे पास भेजो, मैं उनसे बात करूंगा। एक पुलिस अफसर का इस तरह एजेंट के लिए सिफारिश करना बहुत गलत बात है।
ड्राइविंग ट्रैक के कर्मी नाराज
एक बड़े पुलिस अधिकारी के इस रवैये पर सब लानत दे रहे हैं। पुलिस अफसर के इस रवैये से ड्राइविंग ट्रैक पर तैनात बाकी कर्मचारी भी नाराज हैं कि एक तरफ उन पर एजेंटों को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं और दूसरी तरफ पुलिस के अफसर आकर यहां एजेंटों की सिफारिश कर रहे हैं।