जीवनशैली बदलकर स्वस्थ रह सकते हैं मधुमेह रोगी : डॉ. मेहता
सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी निज्जरां व जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ने आर्य वैद्यशाला कोटेक्कल के सहयोग से विश्व मधुमेह दिवस मनाया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : सरकारी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी निज्जरां व जिला आयुर्वेदिक अस्पताल ने आर्य वैद्यशाला कोटेक्कल के सहयोग से विश्व मधुमेह दिवस मनाया। प्रोफेसर अश्विनी भार्गव, पार्षद ¨मटू जुनेजा व सविता रानी विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। डॉ. भार्गव ने गांव-गांव में रोगों प्रति जागरूकता का आह्वान किया। ¨मटू जुनेजा ने अस्पताल के विकास में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। सुपरिंटेंडेंट सविता रानी ने सेमिनार के आयोजन के लिए सभी की सराहना की। इस अवसर पर डॉ. चेतन मेहता ने अपनी बड़ी बहन प्रोफेसर सीमा शर्मा के सहयोग से साथी डाक्टरों को ग्लूकोमीटर व दवाएं वितरित कीं। इस अवसर पर डॉ. आकांक्षा, डॉ. सुमनप्रीत, वंदना, डॉ. सुनील, डॉ. मनोज, डॉ. व¨रदर मिन्हास, डॉ. अविनाश, डॉ. नीटा, डॉ. सुमन, डॉ. राजेंद्र, डॉ. मनवीर, डॉ. रुपाली, डॉ. दीप्ति, डॉ. गुरप्रीत, डॉ. सुखप्रीत, डॉ. नीरज, डॉ. मनु, डॉ. हरप्रीत, विशाल, राजेश, सरबजीत कौर, मंजू बाला व आर्य वैद्यशाला कोटेक्कल की ओर से हरप्रीत ¨सह उपस्थित थे।
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मधुमेह ग्रस्त महिलाओं में गर्भपात का खतरा ज्यादा
कोई गर्भवती डायबिटीज से पीड़ित है तो मां और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिये कईं समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके कारण गर्भपात हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के लिये जन्मजात विकृतियों की आशंका बढ़ जाती है। मां और बच्चे दोनों के लिए संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बात की जानकारी जालंधर स्थित इंदिरा आईवीएफ अस्पताल में विश्व मधुमेह दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ. मनजोत कौर ने दी। उन्होंने बताया कि यदि गर्भ में बच्चा पूर्ण विकसित हो जाता है तो प्रसव के दौरान बच्चों का आकार सामान्य से बड़ा होने की स्थिति में सर्जरी ही डिलीवरी का एकमात्र विकल्प होता है।