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अस्पतालों में फायर अलार्म सिस्मट हमेशा चालू रखें : डॉ. देवाश्री

आग को बढ़ावा के लिए ईंधन, गर्मी और ऑक्सीजन मुख्य तीन मुख्य कारण हैं। इनमें से किसी पर भी नियंत्रण कर लिया जाए तो आग को बुझाना संभव हैं। इस बात की जानकारी एनएचएस अस्पताल में एक दिवसीय ट्रे¨नग 'एंड सर्टिफिकेशन इन फायर सेफ्टी एंड इमरजेंसी फॉर हेल्थ केयर आर्गेनाईजेशन' विषय पर वर्कशॉप के दौरान डॉ. देवाश्री ने दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 05:43 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 05:43 PM (IST)
अस्पतालों में फायर अलार्म सिस्मट हमेशा चालू रखें : डॉ. देवाश्री
अस्पतालों में फायर अलार्म सिस्मट हमेशा चालू रखें : डॉ. देवाश्री

जागरण संवाददाता, जालंधर : आग को बढ़ावा के लिए ईंधन, गर्मी और ऑक्सीजन मुख्य तीन मुख्य कारण हैं। इनमें से किसी पर भी नियंत्रण कर लिया जाए तो आग को बुझाना संभव हैं। इस बात की जानकारी एनएचएस अस्पताल में एक दिवसीय ट्रे¨नग 'एंड सर्टिफिकेशन इन फायर सेफ्टी एंड इमरजेंसी फॉर हेल्थ केयर आर्गेनाईजेशन' विषय पर वर्कशॉप के दौरान डॉ. देवाश्री ने दी।

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उन्होंने बताया कि अस्पतालों में फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम हमेशा चालू हालत में जरूर लगा होना चाहिए। धुआं निकलते ही आग का पता चल जाए और समय रहते इसको रोका जा सकता है। ऑपरेशन थिएटर सबसे जल्दी आग पकड़ने वाला इलाका है। वहा मौजूद अलार्म हर समय चलता रहने देना चाहिए ताकि गड़बड़ी होने पर उसे पकड़ा जा सके। अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. नवीन चिटकारा ने कहा कि आग पर काबू पाने की जानकारी सारे स्टाफ को होनी चाहिए। डॉ. शुभांग और डॉ. संदीप गोयल ने बताया कि इमरजेंसी की स्थिति में अस्पताल से बाहर जाने के लिए इमरजेंसी दरवाजो की चाबियां भी हमेशा सेफ और अलग रखी होनी चाहिए ताकि आग लगने की स्थिति में मरीजों और लोगों को इमरजेंसी के रास्ते से बचाया जा सके। इस मौके पर रिकी नंदा, डॉ. सुजीत सवडतकर, डॉ. माधवी सोंधी, डॉ. तरुण अग्रवाल, डॉ. र¨वदर बजाज आदि उपस्थित थे।


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