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आयुष आयोग से आयुर्वेद पद्धति के विकास के द्वार खुलेंगे : डा. गोयल

श्री गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. संजीव गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष आयोग के गठन के बाद आयुर्वेद का तेजी से विकास होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 06:49 PM (IST)
आयुष आयोग से आयुर्वेद पद्धति के विकास के द्वार खुलेंगे : डा. गोयल
आयुष आयोग से आयुर्वेद पद्धति के विकास के द्वार खुलेंगे : डा. गोयल

जागरण संवाददाता, जालंधर : श्री गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. संजीव गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष आयोग के गठन के बाद आयुर्वेद का तेजी से विकास होगा। भविष्य में एलोपैथ की तर्ज पर आयुर्वेद भी लोगों के इलाज की पहली पसंद बनेगी। इसके लिए बड़े स्तर पर रिसर्च व पुराने नुस्खों पर तेजी से काम हो रहा है। वह सोमवार को दयानंद आयुर्वेदिक कालेज में आयुष मंत्रालय नई दिल्ली व अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन की ओर से आयोजित छह दिवसीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में मुख्यातिथि थे।

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उन्होंने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी में बेहतरीन तालमेल होना चाहिए। भविष्य में लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए अच्छे डाक्टर तैयार किए जा सके। पंजाब स्टेट आयुर्वेद कांग्रेस के सचिव वैद्य डा. अनिल भारद्वाज ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि पूरा सप्ताह देश के विभिन्न राज्यों से डाक्टर आएंगे और सरकारी और गैर सरकारी मेडिकल अफसरों के साथ अपने विचार साझे करेंगे। सेमिनार की प्रधानगी कालेज के प्रिसिपल डा. संजीव सूद ने की। उन्होंने कहा कि सेमिनार के दौरान डा. अनूप गक्खड़, डा. प्रवीण कुमार डा. प्रवीण कुमार बांसल,डा. गौरव परमार, डा. टीपू, डॉ. चंद्रशेखर शर्मा, डा. मीना जार, विशेष व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। इस मौके पर नीमा के प्रदेश प्रधान डा. परविदर बजाज के अलावा कालेज तथा शहर के डाक्टर मौजूद थे।


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