छीनाझपटी और ईवटीजिंग से निपटने के लिए बच्चों को सिखाए आत्मरक्षा के गुर
आत्मरक्षा के गुर सीखकर कठिन परिस्थितियों में असामाजिक तत्वों से निपटा जा सकता है। कोई भी इन्हें सीखकर अपने से शारीरिक रूप से बड़े व्यक्ति को धराशाही कर सकता है।
जासं, जालंधर: छीना-झपटी, ईवटीजिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए बच्चों को आत्मरक्षा के गुर आना बहुत महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रकिरण ने आत्मरक्षा गुर सिखाने के लिए अपने आवास महावीर मार्ग एपीजे कॉलेज के पीछे एक वर्कशॉप का आयोजन किया।
बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए सिमरदीप सिंह पम्मा।
बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए ब्राजीलियाई जिउ-जित्सु में नीली बेल्ट, 2017 में हैवीवेट में डबल सिल्वर, 2018 में हैवीवेट में एक गोल्ड और एक ब्रांज जीतने वाले सिमरदीप सिंह पम्मा पहुंचे। तीन घंटे के सत्र में उन्होंने बच्चों आत्मरक्षा के कई टिप्स दिए और प्रेक्टिस करवाई।
इस मौके पर इंद्रकिरण ने कहा कि बच्चों को कुछ आत्मरक्षा के गुर सिखाना समय की जरूरत है। आत्मरक्षा के गुर सीखकर कठिन परिस्थितियों में असामाजिक तत्वों से निपटा जा सकता है। कोई भी इन्हें सीखकर अपने से शारीरिक रूप से बड़े व्यक्ति को धराशाही कर सकता है। इस दौरान अनीश चावला, सरताज पन्नू, परिशा लूथरा, आसमीन आनंद, धृति अरोरा, राहत और गीत पन्नू ने आत्मरक्षा के गुर सीखे।
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