जालंधर में सात महीने बाद आखिरकार खुले स्कूल, गेट पर शिक्षकों ने किया छात्रों का स्वागत
कोविड-19 की वजह से स्कूल 22 मार्च से बंद चले आ रहे थे और अब शिक्षा विभाग की तरफ से नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल में आने की इजाजत दी गई है। इस दौरान विद्यार्थियों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई।
जालंधर, जेएनएन। कोविड-19 काल के सात महीने बाद आखिरकार स्कूल सोमवार को खुल गए। शिक्षक विद्यार्थियों का स्वागत करने के लिए गेट के पास ही खड़े थे और सभी विद्यार्थी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए एक-एक करके स्कूल परिसर में दाखिल हो रहे थे। यूं तो विद्यार्थी शिक्षकों का चरण वंदन करके अभिवादन करते थे। अब कोविड-19 जैसे सभी हाथ जोड़कर नमस्कार करते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान सभी विद्यार्थियों के हाथों को सैनिटाइज भी कराया जा रहा था और उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही थी। इसके अलावा स्कूल की तरफ से मास्क का भी इंतजाम किया गया था ताकि जो विद्यार्थी मास्क पहन कर आना भूल जाएं तो उन्हें मास्क मुहैया करवाया जा सके।
कोविड-19 की वजह से स्कूल 22 मार्च से बंद चले आ रहे थे और अब शिक्षा विभाग की तरफ से नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को ही स्कूल में आने की इजाजत दी गई है, क्योंकि इन विद्यार्थियों की तरफ से शारीरिक दूरी को बनाए रखना आसान है। इसलिए ही विभाग की तरफ से अभिभावकों की मंजूरी पत्र मिलने के बाद ही विद्यार्थी स्कूल पढ़ने के लिए आ सकते हैं। फिलहाल अभी तक अभिभावकों की तरफ से मंजूरी पत्र बेहद कम संख्या में ही दिए गए हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अभी करोना की वजह से बिगड़े हालात सामान्य नहीं हुए हैं।
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल रंधावा मसंदा (जागरण)
स्कूल मुखी से लेकर शिक्षक स्कूल खुलने से एक घंटा पहले ही पहुंच गए थे जिन पर तरफ से विद्यार्थियों के आने से पहले सारे सैनिटाइजर आदि का प्रबंध कर के निर्धारित स्थानों पर रखे गए ताकि विद्यार्थी आए और क्रमवार अपने हाथों को सैनिटाइज करते हुए कक्षाओं में प्रवेश कर सकें और इसी प्रकार से भी शारीरिक दूरी को बनाए रखने में परेशानी ना आए।
सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लडोवली रोड प्रिंसिपल बरिंदर कौर का कहना है कि फिलहाल 5 से 10 फीसद विद्यार्थियों के अध्यापकों की थी मंजूरी मिली है किस वजह से कक्षा में बैठाकर विद्यार्थियों की पढ़ाई का क्रम शुरू कर दिया गया है पर ऑनलाइन क्लासेज भी जारी रहेगी। वे कहते हैं कि ऑनलाइन क्लास और फूल में लगने वाली क्लास में कोई भी अंतर नहीं रखा जाएगा इसलिए जितने समय तक स्कूल में कक्षा लगेगी उतने ही समय शिक्षक घर बैठे विद्यार्थियों को अपना लेक्चर देंगे यानी कि दोनों कक्षाएं एक साथ ही चलेंगी।