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रोड स्वी¨पग मशीनों की डील में करोड़ों का घोटाला

शहर की 20 से अधिक सड़कों की सफाई के लिए लगाई गई रोड स्वी¨पग मशीनों की डील में करोड़ों का घोटाला हुआ है। यह दावा हाउस में मेयर जगदीश राजा ने किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jun 2018 02:03 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jun 2018 02:03 PM (IST)
रोड स्वी¨पग मशीनों की डील में करोड़ों का घोटाला
रोड स्वी¨पग मशीनों की डील में करोड़ों का घोटाला

जागरण संवाददाता, जालंधर : शहर की 20 से अधिक सड़कों की सफाई के लिए लगाई गई रोड स्वी¨पग मशीनों की डील में करोड़ों का घोटाला हुआ है। यह दावा हाउस में मेयर जगदीश राजा ने किया। उन्होंने रोड स्वी¨पग मामले में डीसीएलए द्वारा दी गई रिपोर्ट को आधार बनाकर दी जानकारी में बताया है कि कंपनी के साथ हुए कांट्रैक्ट के मुताबिक हर दिन सड़कों की सफाई होनी थी जबकि हर तीसरे दिन सफाई हो रही है। कहा कि इससे साफ है कि कंपनी को दोगुनी पेमेंट दी जा रही है।

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मेयर ने दावा किया कि अब तक कंपनी की 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेमेंट बन चुकी है। इस हिसाब से 7 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला होने की आशंका है। इस मामले में डीसीएल द्वारा दी गई रिपोर्ट में कांट्रैक्ट में कई खामियां होने की पुष्टि की गई है। मेयर ने बताया कि इस मामले हाउस की रजामंदी से वो कमिश्नर से जांच कराना चाहते हैं। इस पर हाउस ने इसकी मंजूरी दे दी। मेयर ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई कराई जाएगी और आवश्यक होने पर दोषियों के खिलाफ एफआइआर भी करवाई जाएगी। मेयर ने कहा कि उन्होंने कंपनी की 88 लाख रुपये की पेमेंट रुकवा दी है। गौरतलब है कि कंपनी की ओर से हाल ही में निगम प्रशासन को 4.26 करोड़ रुपये की बि¨लग न करने पर डिसप्यूट नोटिस जारी किया गया था। अफसरों पर बरसे मेयर, बोले निगम का बेड़ा गर्क कर दिया

मेयर राजा ने हाउस में अफसरों पर जमकर गुस्सा निकाला। कहा कि बहुत से अफसरों ने निगम का बेड़ा गर्क करके रख दिया है। 2007 से 2016 तक निगम ने शहर में कंपनियों को टावर लगाने की मंजूरी दी। पर अब तक करीब 659 टावरों के मामलों में निगम ने कंपनियों से लाखों रुपये की वसूली ही नहीं की है। मेयर ने इस पर 15 दिन में संबंधित अफसर से रिपोर्ट बनाकर हाउस को सौंपेंने को कहा। साथ ही कहा दोषी अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश भी की जाएगी। मेयर ने रिकवरी के टारगेट पूरे नहीं करने के मामले में हाउस से सुझाव मांगे। इस पर हाउस ने अफसरों को एक लिखित वार्निग देने और उसके बावजूद उनके रवैये में सुधार नहीं आने पर कार्रवाई करने को मंजूरी दे दी। पार्षद रेरु ने कहा लोग राजस्व देने को तैयार, अफसरों के पास पैसे लेने का समय नहीं

हाउस की बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले अकाली दल के पार्षद परमजीत ¨सह रेरु ने अपनी बात रखी। उन्होंने अफसरशाही पर निशाना साधते बताया कि एक कॉलोनाइजर ने निगम को बताया उसने ईडीसी चार्ज के तौर पर करीब 50-60 लाख रुपये निगम को देने हैं। वो पांच किश्तें दे चुका है। बाकी अफसर हिसाब बनाकर दें तो वो पैसा चुका देगा। रेरु ने हाउस को बताया कि 25 अप्रैल को यह बात हुई। पर अब तक निगम के अफसरों को हिसाब बनाकर पैसे लेने का समय नहीं मिला। उस व्यक्ति ने निगम को करीब 11 लाख रुपये का चेक दो महीने पहले सौंपा था। अफसरों ने अभी वो क्लीयर ही नहीं करवाया है। इस पर मेयर ने इस मामले में भी जांच के निर्देश दिए और कहा कि एक बार लिखित में वार्निग दी जा रही है, पर इसके बाद अफसर कार्रवाई के लिए तैयार रहें।


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