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संत का ज्ञान मिलने पर खुलता है दसवां द्वार : संत रा¨जदर

संतों से ज्ञान प्राप्त करते ही इंसान का दसवां द्वार खुल जाता है। इसके बाद ही इंसान खुद की पहचान कर पाता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 10:41 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 10:41 PM (IST)
संत का ज्ञान मिलने पर खुलता है दसवां द्वार : संत रा¨जदर
संत का ज्ञान मिलने पर खुलता है दसवां द्वार : संत रा¨जदर

जागरण संवाददाता, जालंधर : संतों से ज्ञान प्राप्त करते ही इंसान का दसवां द्वार खुल जाता है। इसके बाद ही इंसान खुद की पहचान कर पाता है। फिर वह जीवन की सच्चाई के रूबरू होता है। सावन कृपाल रूहानी मिशन की तरफ से ब‌र्ल्टन पार्क में आयोजित दो दिवसीय सत्संग के पहले दिन विश्व विख्यात अध्यात्म गुरु संत रा¨जदर ¨सह महाराज ने ये प्रवचन किए। उन्होंने इंसान को इंसानियत का धर्म निभाने की प्रेरणा दी। शहर में 21 वर्षों के बाद आए संत राजिदंर ¨सह का दीदार करने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी उनके अनुयायी पहुंचे। इससे पूर्व माता रीटा जी ने श्री गुरु रामदास महाराज की वाणी से 'वड्डे मेरे साहिबा, वड्डी तेरी वडेयाई' के साथ श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया।

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इसके उपरांत जैसे ही संत राजिंदर ¨सह महाराज मंच पर पहुंचे तो जहां उन्होंने हाथ जोड़कर समूची संगत का अभिवादन किया, वहीं संगत ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपनी भावना व्यक्त की। संगत की भीड़ से खचाखच भरा पंडाल, हर तरफ रूहानियत की हो रही वर्षा तथा अध्यात्म का माहौल अद्भुत नजारा पेश कर रहा था। इस दौरान जैसे ही संत राजिंदर ¨सह महाराज ने सत्संग शुरू किया, पूरे पंडाल में खामोशी छा गई। मौके पर उन्होंने 'वड्डे मेरे साहिबा, वड्डी तेरी वडेयाई' विस्तार के साथ बयां किया। उन्होंने कहा कि इंसान कई बार खुद को बड़ा समझ बैठता है। जबकि, बड़े तो वह परमेश्वर हैं, जिन्होंने सृष्टि की रचना की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस जहां से आगे भी एक जहां है, जहां पर जाने की कभी कोशिश ही नहीं की गई है। कारण, दुनियां में जो काम नहीं करने होते, वह किए जाते हैं तथा जो करने होते हैं, उसे नहीं किया जाता। जिससे सीधे रूप से इंसान समय बर्बाद कर रहा है। असली रूप शरीर नहीं, अध्यात्म है। इसी के माध्यम से इंसान भवसागर से पार जा सकता है। 'जिन प्रेम किया तिन ही प्रभु पायो' का विस्तार करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेम से ही परमात्मा को पाया जा सकता है। इस मौके पर पूर्व विधायक केडी भंडारी, 1008 महांडलेश्वर महंत गंगादास, महंत केशव दास सहित विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं से प्रतिनिधि शामिल हुए। संत जी से प्रभावित होकर चेकोस्लोवाकिया में खोला वेजिटेरिटन रेस्टोरेंट

शाम सहगल, जालंधर

ब‌र्ल्टन पार्क में संत राजिंदर ¨सह महाराज के प्रवचन सुनने के लिए चैकोस्लोवाकिया से पत्नी जुजाना गवोफोना के साथ पहुंचे प्लाओ फोटी ने कहा कि संत महाराज से प्रभावित होकर वह व उनका परिवार वेजेटेरियन बन गया। 'दैनिक जागरण' के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि संत राजिंदर ¨सह महाराज से दो दशक पहले पहले संत रा¨जदर ¨सह महाराज के संपर्क में आए थे। अध्यात्मिकता व जीवन की सच्चाई को लेकर उनके विचारों से प्रभावित होकर न सिर्फ उनका परिवार वेजेटेरियन बन गया, बल्कि इसका प्रचार करने के लिए चैकोस्लोवाकिया में वेजेटेरियन रेस्टोरेंट खोल लिया। उन्होंने कहा कि इस समय केवल चैकोस्लोवाकिया में ही संत महाराज के सैंकड़ों अनुयायी हैं।


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