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पठानकोट के संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री पुरस्कार, उनकी संस्था द कलगीधर ट्रस्ट के बारे में जानें

संत बाबा इकबाल सिंह द कलगीधर ट्रस्ट के प्रमुख हैं। देश के पांच राज्यों में ट्रस्ट की 129 शाखाएं हैं जो बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक कार्य करती हैं। इसके अलावा ट्रस्ट के तलवंडी साबो और बाड़ू साहिब में संस्था के दो विश्वविद्यालय भी हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 11:15 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 11:15 AM (IST)
पठानकोट के संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री पुरस्कार, उनकी संस्था द कलगीधर ट्रस्ट के बारे में जानें
पठानकोट के गांव भरियाल निवासी संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित किया गया है।

विनोद कुमार, पठानकोट। गांव भरियाल के संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा। उन्हें यह अवार्ड उनके नेतृत्व में सामाजिक कार्य कर रही कलगीधर ट्रस्ट के लिए मिला है। वह 95 वर्ष के हैं जो भोआ विधानसभा के अधीन आते गांव भरियाल में रह रहे हैं। संत बाबा इकबाल सिंह का जन्म भरियाल गंव में ही हुआ था। द कलगीधर ट्रस्ट के सचिव डा. दविंदर सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने उनकी ट्रस्ट के प्रमुख संत बाबा इकबाल सिंह को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा है।

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उन्होंने बताया कि संत बाबा इकबाल सिंह ने एमएससी एग्रीकल्चर में करने के बाद खेतीबाड़ी विभाग में डायरेक्टर के पद पर नौकरी भी की है। वह संत तेजा सिंह के विचारों से प्रभावित थे। उन्हें नौकरी के दौरान जब भी समय मिलता, वह उनके पास जाते। 1950 में द कलगीधर ट्रस्ट बनाई गई। वर्तमान समय में देश के पांच राज्यों में

ट्रस्ट की 129 शाखाएं हैं जो बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक कार्य करती हैं। इसके अलावा ट्रस्ट के तलवंडी साबो और बाड़ू साहिब में दो विश्वविद्यालय भी हैं, जिनका संचालन उनके नेतृत्व में हो रहा है।

कुछ दिनों से तबीयत ठीक नहीं

उन्होंने बताया कि संत बाबा इकबाल सिंह की पिछले कुछ दिनों से तबियत ठीक नहीं चल रही। इस समय उनका चंडीगढ़ स्थित फोर्टिज अस्पताल में इलाज चल रहा है। हलका की पूर्व विधायक सीमा कुमारी भी इसी गांव की रहने वाली हैं। सीमा कुमारी के पति विनोद कुमार ने संत बाबा इक़बाल सिंह को पद्मश्री अवार्ड देने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि संत बाबा इकबाल सिंह के सामाजिक कार्यों की पूरे भारतवर्ष में चर्चा हो रही है। उनके गांव का नाम देश की जनता जानेगी जो प्रत्येक गांववासी के लिए गर्व की बात है।


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