शहर में कांग्रेस के पिछड़ने का ठीकरा मेयर पर फूटना तय, विधायकों में नाराजगी
कांग्रेस के चुनाव जीतने के बावजूद शहरी इलाके में पिछड़ने का ठीकरा मेयर पर फूटना तय है। नगर निगम के तहत चार विधानसभा हलकों में से कांग्रेस को 2 में हार का सामना करना पड़ा है।
जालंधर, [जगजीत सिंह सुशांत]। कांग्रेस के चुनाव जीतने के बावजूद शहरी इलाके में पिछड़ने का ठीकरा मेयर पर फूटना तय है। नगर निगम के अंतर्गत आते चार विधानसभा हलकों में से कांग्रेस को दो में हार का सामना करना पड़ा है और दो में मामूली बढ़त मिली है। पूरे शहर की बात करें तो अकाली-भाजपा गठबंधन का चारों हलकों में पांर हजार की लीड मिली है।
यह भी अपने आप में इतिहास है कि कांग्रेस को शहर में हार का सामना करना पड़ा है। अब तक हुए चुनावों में यह रिकॉर्ड रहा है कि कांग्रेस देहात में हारती है और शहर में आकर जीतती है लेकिन इस बार उलटा हुआ है। कांग्रेस शहर में हार गई और देहात ने बेड़ा पार लगाया। शहर में डवलपमेंट के मुद्दे पर लोगों में नाराजगी है जो चुनाव में भारी पड़ गई है।
अब चुनाव खत्म हो गए हैं और मेयर के खिलाफ विधायक मोर्चा खोल सकते हैं। मेयर नगर निगम के मुद्दों को न तो हल कर पा रहे हैं और न ही सरकार के सामने निगम का पक्ष रखने में सक्षम साबित हुए हैं। इस मामले में दो विधायक कैंट से परगट सिंह और जालंधर वेस्ट हलके से विधायक सुशील रिंकू मेयर की कारगुजारी और निगम के सिस्टम पर आवाज उठाते रहे जिससे उन्हें जनता का साथ मिला। कैंट में कांग्रेस को 2422 और वेस्ट में 1489 वोट की लीड मिली। नॉर्थ के विधायक बावा हैनरी और सेंट्रल हलके से विधायक राजिंदर बेरी ने नगर निगम के कामकाज पर चुप्पी साधी रखी और दोनों ही हलकों में कांग्रेस को पिछड़ना पड़ा। नॉर्थ के अकाली-भाजपा को 6218 और सेंट्रल हलके से 5342 वोट की लीड मिल गई। पिछले लंबे समय ऐसा नहीं हुआ कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शहर में दो नंबर पर आना पड़ा हो।
निगम की कारगुजारी पर लोगों ने गुस्सा निकाला
मेयर जगदीश राजा ने कहा था कि चुनाव नतीजे सारी कहानी कहेंगे। नतीजे आ गए हैं और निगम की कारगुजारी पर लोगों ने जमकर गुस्सा निकाला है। चुनाव से पहले सड़कें नहीं बन पाई। दो महीने तक शहर में स्ट्रीट लाइट् बंद रही। बिल्डिंग निर्माण को लेकर शहर के लिए महंगी पॉलिसी से प्रॉपर्टी कारोबारियों, खरीददारों में रोष रहा। बिल्डिंग बनाने के नियम सख्त हैं और मेयर इस पर सरकार से राहत नहीं दिलवा सके। नतीजा लोंगों को नोटिस भेजे गए। बि¨ल्डग गिराई गईं। इस सब को लेकर निगम के खिलाफ लोगों में गुस्सा बढ़ गया था।
विधायक परगट मेयर के खिलाफ दे चुके हैं बयान
विधायक परगट सिंह कई मौकों पर मेयर राजा के खिलाफ बयान दे चुके हैं। सीएम से भी कह चुके हैं कि कमजोर मेयर के कारण नुकसान हो रहा है। विधायक राजिंदर बेरी को भी मेयर की दोस्ती ही ले डूबी है। निगम के खिलाफ उठी हर नाराजगी बेरी के खाते में ही गई और सेंट्रल हलके में कांग्रेस सबसे ज्यादा वोटों से पिछड़ी।
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