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जीएसटी रिफंड के 30 करोड़ रुपये सरकार के पास फंसे, रबड़ मैन्यूफैक्चरर्स कर्ज में डूबे Jalandhar News

सरकार जीएसटी रिफंड नहीं दे रही मजबूरी में इंडस्ट्री संचालकों को बैंकों से लिमिट लेनी पड़ रही है और इसके क्रॉस होने की सूरत में ब्याज की अदायगी करनी पड़ रही है।

By Edited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 12:26 PM (IST)
जीएसटी रिफंड के 30 करोड़ रुपये सरकार के पास फंसे, रबड़ मैन्यूफैक्चरर्स कर्ज में डूबे Jalandhar News
जीएसटी रिफंड के 30 करोड़ रुपये सरकार के पास फंसे, रबड़ मैन्यूफैक्चरर्स कर्ज में डूबे Jalandhar News

जेएनएन, जालंधर। राज्य सरकार जीएसटी रिफंड नहीं दे रही, मजबूरी में इंडस्ट्री संचालकों को बैंकों से लिमिट लेनी पड़ रही है और इसके क्रॉस होने की सूरत में ब्याज की अदायगी करनी पड़ रही है। रबड़ फुटवेयर मैन्यूफैक्चरिंग इंडस्ट्री का लगभग 30 करोड़ सरकार के पास जीएसटी रिफंड के तौर पर फंसा है और पंजाब सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद एक पैसा भी जीएसटी रिफंड के तौर पर इंडस्ट्री को नहीं दिया है।रबड़ फुटवेयर उत्पादकों की जीएसटी को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि उनके कच्चे माल की खरीद पर 18 फीसद जीएसटी लगता है, जबकि उसी कच्चे माल से तैयार होने वाली चप्पल की बिक्री पर पांच फीसद जीएसटी वसूला जाता है।

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खरीद और बिक्री में जीएसटी का 13 फीसद का अंतर

सरकार रिफंड देकर पूरा करती है। इसमें से जो खरीद केंद्र के हिस्से में आता है उसका जीएसटी रिफंड केंद्र की तरफ से दिया जाता है और जो खरीद राज्य सरकार के तहत आती है उसका रिफंड पंजाब सरकार देती है। रबड़ फुटवेयर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज अरोड़ा बताते हैं कि पहले तो सरकार जीएसटी रिफंड की प्रक्रिया को इतना जटिल बनाई हुई है कि ऑनलाइन होने के बावजूद व्यापारियों को फाइलों के कागज पूरे करने को माथापच्ची करनी पड़ती है। जब जीएसटी विभाग के पास खरीद और बिक्री के तमाम आंकड़े मौजूद रहते हैं तो फिर से दोबारा बिलिंग पेश करने को कहा जाता है।

चालू वित्त वर्ष में नहीं मिला कोई रिफंड

धीमी कार्यप्रणाली से जीएसटी रिफंड बुरी तरह से प्रभावित है और एसोसिएशन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जीएसटी रिफंड की अदायगी ही नहीं हो पाई है। मात्र दिसंबर माह की ही फाइलें निकल पाई हैं। नीरज अरोड़ा ने बताया कि अब जीएसटी रिफंड का पैसा सरकार ने अपने पास रख लिया है और मार्केट में काम करने के लिए पैसा ही नहीं बचा है। जीएसटी रिफंड लेने को परेशानी अलग से हो रही है और फाइलिंग में ही वक्त भी खराब हो रहा है।

सरकार कर चुकी है 60 दिन के बाद ब्याज देने का वादा

एसोसिएशन के मुताबिक पंजाब सरकार ने यह वादा किया हुआ है कि अगर जीएसटी रिफंड 60 दिन के भीतर नहीं मिलता है तो रिफंड के ऊपर ब्याज की अदायगी भी की जाएगी।

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