जांच में शामिल नहीं हुआ आरटीआइ एक्टिविस्ट
आरटीआइ डाल कर ब्लैकमेलिग के आरोप को लेकर फंसे सिमरनजीत सिंह पुलिस की जांच में शामिल नहीं हुआ।
संवाद सहयोगी, जालंधर
आरटीआइ डाल कर ब्लैकमेलिग के आरोप को लेकर उलझे पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह और आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को सिमरनजीत को जांच तफ्तीश में शामिल होने के लिए कहा था। साथ ही गिरफ्तारी से छूट दे दी थी। हालांकि शुक्रवार को सिमरनजीत सिंह जांच में शामिल नहीं हुआ। अब पुलिस ने उसे शनिवार को जांच में शामिल होने के लिए कहा है। अगर फिर भी वह अनुपस्थित रहेगा तो पुलिस गिरफ्तारी वारंट जारी कर सकती है।
एसीपी हरसिमरत सिंह ने बताया कि किसी निजी परेशानी की वजह से सिमरनजीत जांच में शामिल नहीं हुआ। वहीं थाना बारादरी की पुलिस भी किसानों के धरने में उलझी रही। उन्होंने बताया कि शनिवार को उसे जांच तफ्तीश में शामिल होने के लिए कहा गया है। यदि वो जांच में शामिल नहीं होता तो उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकाला जा सकता है। यह है मामला
गत बुधवार को पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह और आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह आपस में उलझ गए थे। विवाद बढ़ने पर थाना बारादरी की पुलिस आरटीआइ एक्टिविस्ट को लेकर थाने पहुंच गई। बाद में मेजर सिंह भी थाने पहुंचे। पुलिस को दोनों पक्षों ने शिकायत दी। पंजाब खादी बोर्ड के डायरेक्टर मेजर सिंह का आरोप था कि आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह ने उनकी और उनके जानकारों की प्रापर्टी को लेकर आरटीआइ डाली है। उनका आरोप था कि वह उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। इसी को लेकर बुधवार रात को उन्हें पुडा दफ्तर के पीछे बुलाया था। वह ट्रैप के तहत एक लाख रुपये लेकर आए थे। उनका आरोप था कि इस दौरान सिमरनजीत ने एक लाख रुपये ले लिए और कहने लगा कि वो तो हर साइट के हिसाब से पैसे लेता है। इसके बाद विवाद बढ़ गया। मेजर सिंह ने आरोप लगाया था कि सिमरजीत के साथी ने तेजधार हथियार निकालकर हमला करने की कोशिश की। इतने में पुलिस भी पहुंच गई। मौका पाकर सिमरनजीत का साथी मौके से भाग गया, जबकि सिमरनजीत सिंह को उन्होंने पकड़ लिया। थाना बारादरी की पुलिस ने सिमरनजीत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। सारे आरोप बेबुनियाद : सिमरनजीत सिंह
उधर, आरटीआइ एक्टिविस्ट सिमरनजीत सिंह का कहना है कि उस पर बेबुनियाद आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है। वह तो अपना काम ईमानदारी से कर रहा है।