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बड़े खतरों से बचाएंगे रोबोट, करेंगे जासूसी और बताएंगे रेडिएशन का स्तर

राेबोट अब हमें खतरों से भी बचाएंगे। डीआरडीओ ने तीन ऐसे रोबोट बनाए हैं जाे जासूसी करेंग, रेडिएशन का लेबल बताएंग और विस्‍फोटक का खतरा हटाएंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 12:04 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 12:04 PM (IST)
बड़े खतरों से बचाएंगे रोबोट, करेंगे जासूसी और बताएंगे रेडिएशन का स्तर
बड़े खतरों से बचाएंगे रोबोट, करेंगे जासूसी और बताएंगे रेडिएशन का स्तर

जालंधर, [मनीष शर्मा]। अब रोबोट बड़े खतरों से भी बचाएंगे। जल्द ही भारतीय सैन्य बलों व एनएसजी जैसी सुरक्षा एजेंसियों के लिए रोबोट अब जासूसी करेंगे। यही नहीं, रेल व जहाज में चेेकिंग के साथ-साथ केमिकल या बायोलॉजिकल हमले के वक्त रेडियेशन लेवल भी चेक करेंगे। इसके अलावा विस्फोटक मिलने पर उसे उठाकर भी ले आएंगे। कच्ची जमीन पर चलने के साथ साथ घास-फूस पर चलने में भी सक्षम होंगे। इसके लिए डीआरडीओ की पुणे स्थित रिसर्च एंड डवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट विंग ने रिमोट से चलने वाले तीन रोबोट तैयार किए हैं।

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सैन्य बलों के साथ एनएसजी जैसी सुरक्षा एजेंसियों के लिए करेंगे काम, उठा लाएंगे विस्फोटक

इनकी खासियत को देखते हुए सैन्य बलों के साथ एनएसजी ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है। यs रोबोट लवली प्रोफेशनल यूनीवर्सिटी (एलपीयू) में शुरू हुई 106वीं इंडियन सांइस कांग्रेस में प्रदर्शित किए गए। आरएंडडीई के पूर्णानंद सिंह ने कहा कि पहले सेना को इसका बेस मॉडल दिया था लेकिन इन्हें अपग्रेड किया गया है। तीनों का ट्रायल कामयाब रहा है और अब इसे जल्द ही सेना को दे दिया जाएगा।
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पहला रोबोट : दक्ष स्कॉट

पहला रोबोट दक्ष स्कॉट है, जो रेडियो फ्रीक्वेंसी कम्युनिकेशन के जरिए मास्टर कंट्रोल रूम से जुड़ा रहता है। इसे 200 मीटर दूरी से संचालित किया जा सकता है। यह रोबोट किसी बिल्डिंग के अंदर जासूसी करने के साथ इसे सीमा पार भेजकर भी वहां का दृश्य देखा जा सकता है। इससे गाड़ी के नीचे भी चेकिंग की जा सकती है। रोबोट 35 डिग्री तक खड़ी सीढिय़ों पर भी चढ़ सकता है। इसमें कई कैमरे लगे हैं जो दिन के साथ रात का वीडियो भी मास्टर कंट्रोल रूम की स्क्रीन पर स्पष्ट दिखाते हैं। एक बार मिशन पर भेजने के बाद यह दो घंटे तक काम करता है।

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दूसरा रोबोट : दक्ष मिनी

90 किलो का यह रोबोट हवाई जहाज, रेल डिब्बा, बिल्डिंग, शहरी एरिया, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या हवाई अड्डा, शिप में चेकिंग कर सकता है। इसकी छह बाहें (भुजाएं) बनाई गई हैं, जिनसे यह आठ किलो तक का वजन उठा सकता है। खाली जगहों पर यह 200 मीटर और शहरी एरिया में 100 मीटर तक के ²श्य दिखाता है। यह 45 डिग्री तक खड़ी सीढिय़ों पर चढ़ सकता है।

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तीसरा रोबोट : दक्ष स्पॉटर

यह रोबोट सेंसर से लैस है। इसके जरिए केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियो न्यूक्लियर व विस्फोटक पदार्थों का रेडिएशन चैक करने के साथ उनके लेवल की जांच की जा सकती है। बैक्टीरिया, वायरस, जहरीली वस्तु जैसी कोई भी ऐसी चीज संपर्क में आने पर यह कंट्रोल पैनल पर रेडिएशन वाले पदार्थ व उसके लेवल के बारे में अलार्म देने लगता है। छह बांहों (भुजाओं) वाले इस रोबोट को 500 मीटर दूरी से संचालित किया जा सकता है। वहीं, यह रोबोट 20 किलो तक संदिग्ध पदार्थ को उठाकर ला सकता है। यब रोबोट एक बार में 3 से 5 घंटे तक काम कर सकता है।


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