आज से चलेगी रोड स्वीपिंग मशीन, मेयर के राजनीतिक करियर की दिशा तय करेगा प्रोजेक्ट Jalandhar News
अकाली-भाजपा सरकार के समय 29 करोड़ में सड़कें साफ करने का काम शुरू हुआ था। कांग्रेस सरकार आने के बाद मेयर ने इसे बंद करवा दिया।
जालंधर, जेएनएन। शहर की सड़कों की सफाई के लिए वीरवार को रोड स्वीपिंग मशीन का सांसद चौधरी संतोख सिंह, मेयर जगदीश राजा, चारों विधायक और पार्षद सुबह 11 बजे निगम ऑफिस परिसर में उद्घाटन करेंगे। मशीन एक या दो दिन बाद रूट पर निकलेगी। रोड स्वीपिंग मशीन के चलते ही सबकी निगाह इसके पास या फेल होने पर रहेगी। मशीन की कारगुजारी ही मेयर का राजनीतिक कद तय करेगी।
इसका मुख्य कारण यह है कि जगदीश राज राजा ने मेयर बनते ही शहर में अकाली-भाजपा सरकार के समय चल रही रोड स्वीपिंग मशीन का कांट्रेक्ट यह कह कर रद कर दिया था कि यह बहुत महंगा है और इसमें बड़े स्तर पर घपला हुआ है। इसके अलावा शहर में सफाई को लेकर लोगों की नाराजगी हमेशा बनी रही है। अकाली-भाजपा सरकार के समय में भी पार्षद सफाई व्यवस्था को लेकर नाराज रहे हैं और अब हालात और बिगड़े हुए हैं।
यही नहीं मेयर पर आरोप लगते रहे हैं कि उन्होंने राजनीतिक रंजिश के चलते ठेका रद कर दिया है। अब नई मशीन किस तरह काम करती है यह बात मेयर का राजनीतिक भविष्य भी तय करेगी।
मेयर का दावा सस्ता और बेहतर प्रोजेक्ट लाया जा रहा
बता दें कि अकाली-भाजपा सरकार के समय 29 करोड़ में सड़कें साफ करने का काम शुरू हुआ था। कांग्रेस सरकार आने के बाद मेयर ने इसे बंद करवा दिया। अब मेयर का दावा है कि पुराने प्रोजेक्ट से बेहतर प्रोजेक्ट ला रहे हैं ओर वह भी सिर्फ पांच करोड़ रुपए में।
पार्षदों के निशाने पर रहे हैं मेयर
बता दें कि शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कांग्रेस के पार्षद और विधायक ही मेयर के खिलाफ कई बार मोर्चा खोल चुके हैं। यही नहीं कुछ विधायकों ने तो सार्वजनिक मंच पर ही मेयर के काम पर सवाल खड़े कर दिए थे। अब अगर प्रोजेक्ट फेल हुआ तो मेयर के राजनीतिक करियर पर ब्रेक लग सकती है। मेयर कह चुके हैं कि मशीनों से सफाई के लिए शहर का अधिकतम एरिया कवर किया जाएगा। ऐसे में दो मशीनों से सभी पार्षदों को भी संतुष्ट करना चैलेंज रहेगा।
विधायकों के लिए भी महत्वपूर्ण है प्रोजेक्ट
अब सबसे पहले परीक्षा विधायकों की होगी। ढाई साल बाद विधानसभा चुनाव हैं। पहले ढाई साल विधायकों के लिए खास नहीं रहे हैं। निगम के खराब हालात भी इसके लिए जिम्मेवार हैं। विधायकों को सबसे पहले पब्लिक का सामना करना है। ऐसे में रोड स्वीपिंग प्रोजेक्ट का कामयाब होना विधायकों का भविष्य की दशा तय करेगा।
यूनियन से भी सहयोग लेना होगा
सफाई व्यवस्था से जुड़े प्रोजेक्ट हमेशा हर सफाई यूनियनों के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में यह प्रोजेक्ट भी इससे अलग नहीं है। फिलहाल इन मशीनों को एग्रीमेंट के मुताबिक कंपनी ही चलाएगी लेकिन यूनियन हमेशा से ही मांग करती रही है कि ऐसे प्रोजेक्ट जब भी लाए जाएं तो निगम मुलाजिमों को ही जिम्मेवारी दी जाए। इसके लिए चाहे नई भर्ती ही क्यों न करनी पड़े।
सफाई का रूट प्लान जारी होगा
रोड स्वीपिंग मशीन से सफाई के लिए रूट प्लान भी वीरवार को ही जारी होगा। फिलहाल वही रूट कवर होंगे, जो पिछली बार तय किए गए थे। निगम के फोकस पर सबसे पहले वे सड़कें रहेंगी, जो डबल लेन हैं। सबसे पहले महावीर मार्ग की सफाई होगी। रोड स्वीपिंग मशीन और उसके लिए मशीन बनाने वाली कंपनी का स्टाफ शहर पहुंच चुका है। एक मशीन एक महीने बाद आएगी। मशीन साल में 365 दिन काम करेगी और रोजाना कम से कम सात घंटे मशीन चलाने का एग्रीमेंट है। अगर ज्यादा मशीन चलानी होगी तो उसके मुताबिक भुगतान करना होगा।
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