सात साल से नहीं बनी दो वार्डों में फंसी आजाद नगर की सड़क, लोगों का निकलना दूभर
आजाद नगर की सड़क की जिम्मेदारी लेने के लिए दोनों वार्डों में से किसी का पार्षद तैयार नहीं है। राजनीति का नतीजा अाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
जालंधर, जेएनएन। वार्ड नंबर 22 और 23 के बीच में फंसी गढ़ा के आजाद नगर की सड़क करीब सात साल से नहीं बनी है। सड़क पर गहरे गड्ढे पड़ गए हैं और लोगों को इन्हीं से होकर जाना पड़ रहा है। खराब सड़क के कारण दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। बड़ी समस्या यह है कि इस सड़क की जिम्मेदारी लेने के लिए दोनों वार्डों में से किसी का पार्षद तैयार नहीं है। राजनीति का नतीजा अाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
वार्ड नंबर 22 के पार्षद प्रभदयाल और वार्ड नंबर 23 की पार्षद नीरजा जैन, दोनों ही सत्तापक्ष के पार्षद हैं। इलाके के विक्की, हसंराज, बलवंत सिंह, राजकुमार, जोगिंदर पाल, अश्विनी कुमार, रतन लाल ने कहा कि सड़क पर गहरे गड्ढों से दोपहिया वाहन कई बार दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। कई लोग गड्ढों में गिरकर घायल हो चुके हैं। उनका कहना है कि लीडर सिर्फ चुनाव के समय ही आते हैं। उन्हें सिर्फ वोट से मतलब है। जनता को जब जरूरत होती है तो वह कहीं नहीं दिखते हैं।
जालंधरः आजाद नगर की खराब सड़क के बारे में बताते हुए यहां रहने वाले लोग।
दोनों पार्षद बोले, एस्टीमेट पास है, जल्द बनेगी सड़क
इस बारे में वार्ड नंबर 22 के पार्षद प्रभदयाल ने कहा कि सड़क का निर्माण जल्द किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम से एस्टीमेट पास करवा लिया गया है। इधर, वार्ड नंबर 23 की पार्षद नीरजा जैन ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए 26 लाख का टेंडर लगाया जा चुका है। मैंने मोहल्ले के लोगों से वादा किया था कि एक साल में सड़क बनवा दूंगी। यह वाद जल्द पूरा हो जाएगा।
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