रिव्यू पिटिशन ही एकमात्र विकल्प, लेदर कारोबारियों ने चंडीगढ़ में डाला डेरा Jalandhar News
पीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी करुणेश गर्ग ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लेदर कारोबारियों पर अचानक से कार्यवाही की गई है। पूर्व में उन्हें कई बार चेताया जा चुका था।
जालंधर, जेएनएन। लेदर कारोबारियों के पास अपने बंद पड़े यूनिट्स को फिर से चालू करने के लिए अदालत का ही एकमात्र विकल्प मौजूद है। कोई भी राजनीतिज्ञ अथवा ब्यूरोक्रेट अदालत के फैसले के खिलाफ जाकर कारोबारियों को कोई राहत नहीं दे सकता है। यही वजह है कि लेदर कारोबारी अदालत से राहत पाने को यूनिट बंद करने के फैसले के संबंध में रिव्यू पिटिशन डालने की कवायद में जुटे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमुख लेदर कारोबारी कानूनी विकल्प तलाशने को चंडीगढ़ में ही डेरा डाले हुए हैं और संभवत सोमवार को इस संबंध में कोई पहल कदमी हो सकती है। हालांकि लेदर कारोबारी अपनी रणनीति को लेकर कोई भी जानकारी साझा करने से गुरेज कर रहे हैं और कानूनी माहिरों के साथ ही सलाह कर रहे हैं। बीते सप्ताह माननीय अदालत के आदेश के बाद पीपीसीबी के कहने पर पावरकॉम ने 61 लेदर इंडस्ट्रीज के बिजली के कनेक्शन काट दिए थे और उसके अगले ही दिन इंडस्ट्रीज के अंदर लगे जेनरेटर भी सील कर दिए थे।
पीपीसीबी के मेंबर सेक्रेटरी करुणेश गर्ग ने कहा कि ऐसा नहीं है कि लेदर कारोबारियों पर अचानक से कार्यवाही की गई है। पूर्व में उन्हें कई बार चेताया जा चुका था कि प्रदूषण मानकों को लेकर उनकी तरफ से किए जा रहे प्रबंध नाकाफी हैं। करुणेश गर्ग ने कहा कि बोर्ड के निर्देशों की अवहेलना के चलते ही अंतरिम कमेटी को आर्थिक दंड भी लगाया जा चुका था और गारंटी जब्त हो चुकी थी। दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से भी फैक्ट्रीज का संचालन बंद करवाने के बाद माननीय अदालत को सूचित करने की तैयारी की जा रही है कि आदेशों के मुताबिक तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित यूनिट्स की वर्किंग बंद करवा दी गई है।
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