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कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान, सरकार को छह दिन में चार करोड़ का नुकसान

13 फरवरी से दी पंजाब स्टेट डिस्ट्रिक्ट (डीसी) आफिस इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर जारी हड़ताल के कारण सप्ताह भर में करीब चार करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो चुका है।

By Edited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 01:13 PM (IST)
कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान, सरकार को छह दिन में चार करोड़ का नुकसान
कर्मचारियों की हड़ताल से जनता परेशान, सरकार को छह दिन में चार करोड़ का नुकसान

जागरण संवाददाता, जालंधर : 13 फरवरी से दि पंजाब स्टेट डिस्ट्रिक्ट (डीसी) आफिस इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर जारी हड़ताल के कारण सप्ताह भर में करीब चार करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो चुका है। डीसी आफिस में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी, मैरिज रजिस्ट्रेशन, पावर ऑफ अटॉरनी सहित पचास तरह की सेवाएं दी जाती हैं। जिसमें केवल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन से ही रोजाना औसतन 30 लाख रुपये का रेवेन्यू आता है। इसी तरह अन्य 49 तरह की सेवाओं से सरकार को रोजाना 40 लाख रुपये की आमदन होती है। इस तरह से रोजाना औसत 70 लाख रुपये रेवेन्यू का नुकसान उठाने के बाद भी सरकार ने इसे गंभीरता के साथ नहीं लिया है। यही नहीं, इस कारण सबसे अधिक परेशानी लोगों को हो रही है।

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अफसरों की लगी मौज

उधर, मुलाजिमों की हड़ताल की आड़ में अफसरों की मौज लग गई है। डीसी आफिस हो या फिर नगर निगम, कृषि विभाग या फिर फूड सप्लाई विभाग, अधिकतर विभागों में अफसर भी हाजिरी लगाने तक ही सीमित हो गए है। हालांकि, उनका कहना है कि फाइल तैयार करने से लेकर इसकी जांच तक के काम में मुलाजिमों की भूमिका होती है। इसके बाद ही उन्हें फाइनल टच देना होगा। यही कारण है कि इन दिनों सभी सरकारी विभागों के कार्यालयों में वीरानगी है।

सर्विस प्रोवाइडर भी बेरोजगार

डीसी आफिस के अंदर व बाहर 400 के करीब सर्विस प्रोवाइडर सेवाएं दे रहे हैं जो हड़ताल के चलते बेरोजगार हो गए हैं। सर्विस प्रोवाइडर गुलशन कुमार व दीपक कुमार बताते हैं कि हड़ताल के कारण लोग न तो प्रॉपर्टी की रजिस्टरी करवाने आ रहे हैं और न ही जमीन-जायदाद संबंधी अन्य किसी काम के लिए आते हैं। अगर कोई आता भी है तो उसे बैरंग लौटना पड़ता है। इससे उनका सबसे बड़ा नुकसान उनका हो रहा है। उन्होंने कहा कि रोजाना कारोबार की आस लिए खाली हाथ लौटना पड़ता है।

ये हैं मांगें

  • छठे पेय कमीशन की हिदायतें लागू की जाएं।
  • केंद्र सरकार ने 16 फीसद डीए की राशि जारी की है, जबकि पंजाब सरकार ने केवल छह प्रतिशत ही दी है।
  • 2004 से भर्ती मुलाजिमों को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल किया जाए।

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