लाजवंती जड़ी बूटी पर होगी कालेज में रिसर्च
वर्तमान काल में आयुर्वेदिक पद्धति का विस्तार तेजी से हो रहा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर
वर्तमान काल में आयुर्वेदिक पद्धति का विस्तार तेजी से हो रहा है। कोरोना काल में नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर आयुर्वेदिक दवाइयों ने एक अलग पहचान बना ली है। रिसर्च पर आधारित आयुर्वेद दवाइयों के प्रचलन से इसका दायरा तेजी से बढ़ेगा। यह बातें शनिवार को डीएवी मैनेजमेंट कमेटी के उपप्रधान डा. रमेश आर्य ने आयुष मंत्रालय नई दिल्ली एवं अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन की ओर से आयोजित छह दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि भले ही एलौपैथी पद्धति से मरीजों का इलाज कर रहे हैं परंतु आने वाले दिनों में रिसर्च के आधार आयुर्वेद भी डाक्टरों की पहली पसंद बनेगी। उन्होंने कहा कि दयानंद आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में आयुर्वेद पर रिसर्च का काम शुरू करवाया जाएगा। जहां अति आधुनिक उपकरणों से लैस लैब भी स्थापित की जाएगी। कालेज के प्रिसिपल डा. संजीव सूद ने बताया कि कालेज में अमेरिकन कंपनी के सहयोग से लाजवंती जड़ी बूटी पर रिसर्च की जाएगी। कंपनी ने रिसर्च के लिए कालेज को 11 लाख रूपये की ग्रांट जारी की है। कालेज के स्टाफ के वरिष्ठ सदस्य एमडी कर रहे विद्यार्थियों के साथ सहयोग से जड़ी बूटी किन-किन बीमारियों के इलाज में कारगर है। यह शरीर में कैसे असर करती है और इसके बुरे और अच्छे प्रभाव कौन-कौन से है। इसका काफी गहराई में जांच पड़ताल कर रिकार्ड तैयार कर इसको अमली जामा पहनाया जाएगा। इसके बाद इलाज में किस आकार में इसका उपयोग बेहतर होगा की भी पड़ताल की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छह दिनों में देश के विभिन्न राज्यों से एक दर्जन माहिर डाक्टरों ने मरीजों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक पद्धति के विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किए। सेमिनार में सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों के डाक्टरों ने सेमिनार में भाग लिया। समारोह डाक्टरों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।