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पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से हो रहा मतांतरण, एसजीपीसी के पास लगातार पहुंच रहे वीडियो

पंजाब के कई जिलों में मतांतरण के मामले सामने आने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) व श्री अकाल तख्त साहिब प्रबंधन सक्रिय हो गया है। अब एसजीपीसी ने राज्यभर में सिख धर्म प्रचार के लिए घर-घर में धर्मशाला अभियान शुरू किया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 09:47 AM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 09:47 AM (IST)
पंजाब के सीमावर्ती इलाकों से हो रहा मतांतरण, एसजीपीसी के पास लगातार पहुंच रहे वीडियो
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह। फाइल फोटो

पंकज शर्मा, अमृतसर। पाकिस्तान की सीमा से लगते जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन में मतांतरण के मामले सामने आने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) व श्री अकाल तख्त साहिब प्रबंधन सक्रिय हो गया है। उनके पास लगातार इससे संबंधित वीडियो व शिकायतें पहुंच रही हैं। अब एसजीपीसी ने राज्यभर में सिख धर्म प्रचार के लिए 'घर-घर में धर्मशाला' अभियान शुरू किया है। इसके तहत घर-घर जाकर सिख पंथ का प्रचार किया जाएगा और सिख साहित्य भी बांटा जाएगा।

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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि ईसाई मिशनरियों द्वारा कथित तौर पर लालच देकर मतांतरण करना चिंता का विषय है। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण मजहबी सिख (ऐसे हिंदू दलित जिन्होंने बहुत पहले सिख पंथ अपना लिया था) ईसाई मिशनरियों के निशाने पर हैं। इस प्रयास को रोकने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब प्रबंधन व एसजीपीसी ने धर्म प्रचार के लिए 150 से अधिक कमेटियों का गठन किया है। प्रत्येक प्रचार कमेटी में पांच से आठ लोगों को शामिल किया गया है, जिनमें ग्रंथी, प्रचारक, रागी, एसजीपीसी के सदस्य व स्थानीय गुरुद्वारा कमेटियों के सदस्यों को भी शामिल किया गया है। माझा, मालवा व दोआबा जोन में कमेटियों के केंद्र बनाए गए हैं।

एसजीपीसी का कहना है कि ईसाई मिशनरियों का फोकस अनुसूचित जाति व पिछड़ी जाति से संबंधित लोगों पर है। इसलिए प्रचार कमेटियां गांव-गांव जाकर धर्म प्रचार करेंगी। यह कमेटियां एक हफ्ते तक एक इलाके में प्रचार करने के बाद अंतिम दिन अमृत संचार (अमृतपान) कार्यक्रम भी करवाएंगी।

क्या क्या प्रलोभन दिए जा रहे

-घर में कोई व्यक्ति बीमार हो तो उसके मुफ्त इलाज करवाने का लालच दिया जाता है।

-युवाओं को रोजगार के लिए चर्च के माध्यम से फंड मुहैया करवाने की बात कही जाती है।

-नियमित चर्च आने वालों को भी आर्थिक मदद देने की बात कही जाती है।

-गरीब परिवारों के बच्चों को मिशनरी स्कूलों में दाखिला और फीस में बड़ी राहत का प्रलोभन दिया जाता है।

काफी समय से आ रही थीं शिकायतें: ज्ञानी हरप्रीत

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि उनके पास पिछले काफी समय से फोन के माध्यम से शिकायतें आ रही हैं। सीमावर्ती इलाकों के कुछ चर्चों में मिशनरी कथित तौर पर गुमराह करके और लालच देकर आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को ईसाई बना रहे हैं। यह आने वाले समय में बड़ी चुनौती है। किसी तरह के दबाव, लालच या धोखे से मतांतरण नहीं होना चाहिए।

धर्म छोड़ने वालों को वापस लाएंगे: एसजीपीसी

एसजीपीसी के महासचिव एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भिट्टेवड्ड व उपाध्यक्ष बाबा बूटा सिंह ने लोगों से अपील की है कि वह अपने स्तर पर कमेटियां बनाकर सिख पंथ का प्रचार करें। सियालका ने कहा कि दूसरे धर्म में चले गए लोगों को वापस लाएंगे।

राष्ट्रीय सिख संगत भी बनाएगी कमेटियां

राष्ट्रीय सिख संगत के जिला अध्यक्ष डा. संदीप सिंह ने बताया कि हमने पहले भी इसे रोकने के लिए धर्म जागरण मंच और राष्ट्रीय सिख संगत ने अभियान चलाया था। अब फिर से कमेटियां बनाकर इस प्रयास को रोका जाएगा।

हिंदू महासभा छेड़ेगी अभियान

अखिल भारत हिंदू महासभा के राज्य अध्यक्ष राज कुमार शर्मा ने कहा पहले भी पंजाब में ईसाई मिशनरियों का अभियान तेज हुआ था। तब हिंदू महासभा ने इसका खुलकर विरोध किया था। ईसाई बने परिवारों को वापस हिंदू धर्म में लाया गया था। अब फिर से कमेटियां गठित कर दी हैं।


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