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सरकारी डंडे से कम हुई मास्क व सैनिटाइजर की कीमतें, जानें क्या हैं इनके दाम

जिला प्रशासन ने मास्क की कीमत 10 से 15 रुपये और सैनिटाइजर की कीमत 50 पैसे प्रति एमएल तय कर दी है। इसके बाद से कालाबाजारी पर लगाम लग गई है।

By Edited By: Published: Sun, 17 May 2020 08:48 PM (IST)Updated: Mon, 18 May 2020 01:50 PM (IST)
सरकारी डंडे से कम हुई मास्क व सैनिटाइजर की कीमतें, जानें क्या हैं इनके दाम
सरकारी डंडे से कम हुई मास्क व सैनिटाइजर की कीमतें, जानें क्या हैं इनके दाम

जालंधर [जगदीश कुमार]। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग दो माह से जारी है। इस जंग में मास्क और सैनिटाइजर बेचने वालों ने जमकर चांदी कूटी। सरकार का डंडा चलने व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कपड़े के साथ मुंह ढककर घर से बाहर निकलने और साबुन से हाथ धोने की घोषणा के बाद मास्क और सैनिटाइजर के अच्छे दिन गायब होने शुरू हो गए हैं। मास्क और सैनिटाइजर के दाम निर्धारित करने के बाद मार्केट सुस्त हो गई है। डीलरों ने भारी मात्रा में स्टॉक कर लिया था और अब मांग कम हो चुकी है। जब कोरोना का कहर शुरू हुआ था तो जिले में 12 से 14 लाख मास्क की डिमांड पहुंच गई थी जो अब इसकी मांग 30 से 35 फीसद कम हो गई है।

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ड्रग विभाग व पुलिस ने दो दर्जन के करीब छापे मारकर भारी मात्रा में मास्क और सैनिटाइजर सील किए थे। इसके बाद मास्क की कीमत 10 से 15 रुपये और सैनिटाइजर की कीमत 50 पैसे प्रति एमएल तय की दी थी। इसके बाद कालाबाजारी पर लगाम लग गई।

छापामारी से नकली सामान की मार्केट हुई खत्म

ड्रग कंट्रोल अफसर अमरजीत सिंह का कहना है कि सरकारी आदेश के बाद दो प्लाई का मास्क 10 तथा तीन प्लाई का 15 रुपये और सैनिटाइजर की कीमत 50 पैसे प्रति एमएमल निर्धारित कर दी गई है। बेचने व खरीदने वाले के पास कंपनी का बिल होना जरूरी है। शहर में तीन बड़ी दुकानों पर छापामारी कर भारी मात्रा में सामान पकड़कर सील कर दिया गया था। दुकानदार सामान का रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए थे। होलसेल व रिटेल में जरूरत से ज्यादा स्टॉक होने से नकली सामान की मार्केट खत्म हो गई है। वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि कंपनियां समान बेचेने के लिए नए इलाके तलाश रही हैं।

दुकानदारों के पास हद से ज्यादा स्टॉक पड़ा है। सरकार ने कीमतें भी गिरा दी हैं। जनवरी फरवरी में स्टॉक की र्शाटेज थी। मार्च में रोजाना 200 से 300 पीस सैनिटाइजर तथा हजारों मास्क बिकते थे। इन दिनों दिन में 100 से 300 मास्क तथा 10 से 20 सैनिटाइजर ही बिक रहे हैं।

- रीशु वर्मा, प्रधान, दिलाकुशां मार्केट में होलसेल केमिस्ट आर्गनाइजेशन

मास्क ने फैशन का रूप धारण किया

कोरोना के संकट में मास्क ने भी फैशन का रूप ले लिया है। वीएम एजेंसिस के डायरेक्टर ललित मेहता कहते हैं कि कपड़े के मास्क ने रोजगार पैदा कर दिए हैं। गली मोहल्लों में लोग कपड़े के मास्क तैयार करवाने लगे हैं। वहीं कुछ दुकानदार भी मास्क तैयार करके बेचने लगे हैं। इसके अलावा कपड़ों के रंग के साथ मैचिंग मास्क तैयार होने लगे हैं। कंपनियों ने ऑनलाइन बिक्री में विभिन्न रंगों के मास्क पेश किए हैं जिनकी कीमत 25 रुपये के करीब है।

सिंगल लेयर मास्क नॉन वूवन से तैयार होता है। यही सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसे ज्यादातर लोग प्रदूषण से बचाव के लिए इस्तेमाल होता है। यह सिर्ख धूल के बड़े कण ही रोक पाता है।

ट्रिपल लेयर मास्क इसमें दो लेयर नॉन वूवन की होती है और एक फिल्टर की होती है। इससे 20 से 30 फीसद ही प्रदूषण से बचाव करना संभव है। सिक्स लेयर मास्क यह प्रदूषण से बचाता है। इससे 80 फीसद तक बचाव करना संभव है। यह काफी हद तक पीएम 10 के अलावा पीएम 2.5 से भी बचाता है।

एन95 मास्क सबसे सुरक्षित

एन95 मास्क इसे सबसे सुरक्षित है। इसमें फिल्टर की लेयर होती है। काफी टाइट होने से ज्यादा समय तक लगाना मुश्किल है। यह 99 फीसद प्रदूषण और वायरस से सुरक्षा दिलाता है। यह नॉन ऑयल रजिस्टेंस होता है। इससे हवा में घुले पार्टिकुलेट से बच सकते हैं।


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