जालंधर में एसएस जैन सभा विवादों में चुनाव प्रक्रिया पर उठे सवाल, मुनीष जैन का दावा- नियमों को दरकिनार कर प्रधान बनाया गया
जालंधर में एसएस जैन सभा के प्रधान पद की चुनाव प्रक्रिया विवादों में आ गई है। एसएस जैन सभा के प्रधान पद सहित कार्यकारिणी की अवधि दिसंबर 2021 में खत्म हो गई थी। बावजूद इसके आपसी सहमति के साथ इस वर्ष 20 मार्च को जनरल हाउस बुलाया गया था।
जागरण संवाददाता, जालंधर। जैन समाज की प्रमुख संस्था एसएस जैन सभा के प्रधान पद की चुनाव प्रक्रिया विवादों में आ गई है। चुनावी प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती दी गई है। चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करने वाले मुनीष जैन का दावा है कि नियमों व संविधान को दरकिनार कर प्रधान बनाया गया है। भले ही बैठक के दौरान प्रधान को लेकर सर्वसम्मति बनी थी, लेकिन एसएस जैन सभा के संविधान के मुताबिक नियमों को पूरा नहीं किया। संविधान के मुताबिक प्रधान पद पर फिलहाल किसी का भी बना रहना नियमों के विपरीत है। एसएस जैन सभा के प्रधान पद सहित कार्यकारिणी की अवधि दिसंबर 2021 में खत्म हो गई थी। बावजूद इसके आपसी सहमति के साथ इस वर्ष 20 मार्च को जनरल हाउस बुलाया गया था। इसमें पिछली बार प्रधान बने सतपाल जैन को सर्वसम्मति से फिर से प्रधान चुन लिया गया था। चुनावी प्रक्रिया पूरी ना होने के चलते इसे चुनौती दे दी गई है।
चुनावी प्रक्रिया संविधान के मुताबिक होनी चाहिए
सतपाल जैन को सर्वसम्मित के साथ प्रधान चुने जाने की प्रक्रिया को अदालत में चुनौती देने वाले मुनीश जैन बताते है कि एसएस जैन सभा के संविधान व नियमों के मुताबिक ही चुनावी प्रक्रिया को पूरा किया जाना चाहिए था। लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। न तो चुनाव लड़ने के लिए किसी को आमंत्रित किया गया और न ही सदस्यों द्वारा शुल्क अदा किए जाने के बाद वोट के अधिकार की बात की गई।
जारी रखेंगे गतिविधियां
सतपाल जैन बताते है कि वह सभा की गतिविधियां जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट में कोई भी जा सकता है। सभा की गतिविधियों के साथ-साथ कार्यकारिणी भी जल्द घोषित कर दी जाएगी।
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