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Punjab weather update: 16 वर्षों बाद मई इतना ठंडा, 18 तक आसमान में छाए रहेंगे बादल

Punjab weather update पंजाब में मौसम परिवर्तनशील बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 18 मई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 09:14 AM (IST)Updated: Fri, 15 May 2020 12:09 PM (IST)
Punjab weather update: 16 वर्षों बाद मई इतना ठंडा, 18 तक आसमान में छाए रहेंगे बादल
Punjab weather update: 16 वर्षों बाद मई इतना ठंडा, 18 तक आसमान में छाए रहेंगे बादल

जेएनएन, जालंधर। मौसम तेजी से करवट ले रहा है। दो दिन तेज धूप पड़ने के बाद एक बार फिर आसमान में बादल छाए और पंजाब के कई हिस्सों में तूफान के साथ बारिश हुई। इससे फिर पारा गिर गया। आज भी राज्य के कई हिस्सों में आसमान में बादल छाए हुए हैं। तेज हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो 18 मई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है।

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पंजाब में वीरवार दोपहर पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवाओं के बीच बारिश कई जिलों में बारिश हुई। इस दौरान करीब चालीस से पचास किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं। वीरवार को जालंधर, अमृतसर, होशियापुर, कपूरथला, फिरोजपुर व गुरदासपुर सहित कई जिलों में बारिश हुई।

बारिश के कारण अधिकतम तापमान में 13 डिग्री सेल्सियस गिरावट दर्ज की गई और पंजाब में मई 16 वर्षों बाद मई रहा इतना ठंडा रहा। इससे पूर्व वर्ष 2004 में मई के दूसरे सप्ताह में हुई बारिश के कारण इस तरह की ठंड महसूस की गई थी। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी ऐसी ही ठंडक बनी रहेगी। ऐसा पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रहा है।

वीरवार को लुधियाना में 12 मिमी व अमृतसर में 2.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। अमृतसर में अधिकतम तापमान, 25.3, ललुधियाना में 33.2 व जालंधर में 29.2 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग की मानें तो 18 मई तक आसमान में बादल छाए रहेंगे। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो सकती है।

बारिश से नरमे की फसल को हो सकता है नुकसान

तेज हवाओं के साथ वीरवार को हुई बारिश से नरमे की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। बठिंडा, मानसा, फाजिल्का व मुक्तसर में बड़े पैमाने पर नरमे की खेती की जाती है। कृषि विशेषज्ञ डॉ. बलदेव सिंह के अनुसार यह बारिश नरमा को छोड़ अन्य दूसरी फसलों के लिए फायदेमंद है। जिन जिलों में नरमा लगा हुआ है, वहां अगर तेज हवाओं के बीच बारिश हुई है तो उससे खेतों में निकले नरमे के अंकुरित हुए हुए पौधों को काफी क्षति पहुंची होगी। डॉ. बलदेव सिंह के मुताबिक इस समय धान की बिजाई की तैयारियां चल रही है। ऐसे में बारिश होने से धान की पनीरी लगाने वाले किसानों को फायदा होगा, क्योंकि उन्हें खेत तैयार करने के लिए अलग से पानी नहीं लगाना पड़ेगा।


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