मोबाइल भत्ते में कटौती पर भड़के मुलाजिम, पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, कैप्टन का पुतला फूंका
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार कोरोना की आड़ में कर्मचारियों की सुविधाओं को निरंतर छीन रही है।
जालंधर, जेएनएन। मंगलवार को पंजाब यूटी मुलाजिम और पेंशनर सांझा फ्रंट पंजाब के आह्वान पर जिला इकाई ने डीसी ऑफिस के बाहर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पुतला फूंका।
गणेश भगत, पुष्पेंद्र कुमार विरदी, सुखजीत सिंह नेतृत्व में सभी ने पुडा कंपलेक्स में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पीएसएसएफ के महासचिव तीर्थ सिंह बासी, करनैल सिंह संधू ने कहा कि कैप्टन सरकार कोविड-19 की आड़ में लगातार मुलाजिमों, पेंशनरों और आम लोगों के लिए गलत नीतियां लागू कर रही है। सरकार मुलाजिमों की सुविधाओं को निरंतर छीन रही है, जो उन्होंने संघर्ष करके प्राप्त की थी।
उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार कोविड-19 के कारण मुलाजिमों से सारे काम दफ्तर व घर से ऑनलाइन करने के लिए कह रही है। वहीं दूसरी तरफ खाली पड़े खजाने का हवाला देते हुए मुलाजिमों को मिलने वाले मोबाइल भत्ते में कटौती का फरमान जारी किया गया है। इससे मुलाजिमों में रोष है क्योंकि सरकार ने इस कटौती में अपने मंत्रियों और विधायकों को दूर रखा है। उन्होंने मांग की है कि विभिन्न विभागों में पोस्टें खत्म करने के बहाने किए जा रहे निजीकरण को तुरंत बंद किया जाए। सरकार बंद की गईं 8657 पोस्ट बहाल करे और नई पेंशन की जगह पुरानी पेंशन बहाल की जाए।
इसके अलावा, आर्थिक तंगी का शिकार मिड-डे मील वर्करों को मई, जून-जुलाई का मेहनताना दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने उनकी मांगें जल्द पूरी ना की तो वह 18 अगस्त तक पूरे पंजाब में संघर्ष करेंगे। इस मौके पर कुलदीप सिंह कोड़ा, गोविंद, जागीर सिंह, अमनदीप सिंह, तरसेम, मुल्खराज, रगजीत सिंह, संतोष सिंह, कर्मजीत सिंह, मनोहर लाल, अमरजीत सिंह आदि थे।
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