यात्रीगण कृप्या ध्यान दें.. ट्रेन में सफर के लिए घर से कर लें खाने-पीने का इंतजाम, इस वजह से बंद हुए सभी स्टाल
कोविड-19 की वजह से रेलवे के साथ ठेका करके सेवाएं देने वाले वेंडर आर्थिक तंगी का शिकार हो गए हैं। वेंडरों की मांग है कि उनके कांन्ट्रेक्ट को आगे बढ़ाया जाए। रेलवे की तरफ से उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है।
जालंधर, [अंकित शर्मा]। रेल में सफर करने जा रहे हैं, तो घर से निकलने से पहले ही अपने खाने-पीने का इंतजाम करके ही चलें। कारण बस यही है कि स्टेशन पर आपको इन दिनों को कुछ भी खाने-पीने के लिए नहीं मिलेगा, क्योंकि स्टेशन पर अभी तक एक भी वेंडर व स्टाल नहीं खुला है। अगर घर से सारे प्रबंध न करके गए तो स्टेशन पर घंटों तक ट्रेन के इंतजार में बैठने की वजह से परेशानी हो सकती है।
स्टेशन पर बना भोजनालय ते पहले ही डेढ़ साल से बंद हैं और कोविड-19 की वजह से रेलवे के साथ ठेका करके सेवाएं देने वाले वेंडर आर्थिक तंगी का शिकार हो गए हैं। वेंडरों और स्टाल संचालकों की मांग यह है कि रेलवे की तरफ से उनका ठेका आगे बढ़ाया जाए, मगर अभी तक रेलवे की तरफ से उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। जिस वजह से यात्री ट्रेन चलने के बावजूद स्टेशन पर एक भी स्टाल नहीं खुला। पैकेड फूट, चिप्स, बिस्कुट व पानी की बोतलों आदि के लगभग स्टेशन पर लगभग 50 से 60 स्टाल हैं, जो सभी बंद पड़े हैं।
सिंगल लाइन पर नहीं दौड़ सकती 50 से अधिक स्पीड पर ट्रेनें
किसानों की तरफ से जंडियाला-अमृतसर रेल लाइन ब्लाक किए जाने की वजह से यात्री ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। जिस वजह से भी यात्री ट्रेनें अमृतसर से बाया तरनतारन होकर ही ब्यास स्टेशन पर पहुंच रही है। ब्यास से फिर सीधे जालंधर की तरफ आ रहे हैं, यही डायवर्शन जालंधर से अमृतसर की तरफ जाने वाली ट्रेनों के लिए रूट है। यह पूरी तरह से सिंगल हैं और इसमें अधिक से अधिक 50 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से ही ट्रेन को दोड़ाया जा सकता है। जिस वजह से भी ट्रेनों के स्टेशन पर पहुंचने में देरी हो रही है और यात्रियों को दो से तीन घंटे तक भी इंतजार करना पड़ रहा है। यह स्थिति आगे कितने दिनों तक रहे इसका कुछ पता नहीं, मगर यात्रा करने से पहले सभी घर से ही सारे प्रबंध करके चलें। तभी यात्रा सुखद रहेगी।