गर्मी के मौसम में भी पंजाब रोडवेज की वर्कशॉप में खड़ी रह गई Volvo, जर्जर हो रही डेढ साल से खड़ी बसें
अप्रैल महीने से वोल्वो बस की कमाई के दिन शुरू होते हैं लेकिन पंजाब रोडवेज की वोल्वो वर्कशॉप में ही खड़ी रह गई है। गर्मी के मौसम में वातानुकूलित वोल्वो बस के लिए यात्रियों की कमी नहीं रहती है और पंजाब रोडवेज प्रबंधन खासी कमाई करता है।
जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। गर्मी की शुरुआत के साथ अप्रैल महीने से वोल्वो बस की कमाई के दिन शुरू होते हैं, लेकिन पंजाब रोडवेज की वोल्वो वर्कशॉप में ही खड़ी रह गई है। गर्मी के मौसम में वातानुकूलित वोल्वो बस के लिए यात्रियों की कमी नहीं रहती है और साधारण यात्री किराए से लगभग दोगुने किराए की वसूली के साथ पंजाब रोडवेज प्रबंधन खासी कमाई करता है।
बीते वर्ष मार्च महीने में कोरोना वायरस संक्रमण की पहली लहर के साथ ही पंजाब रोडवेज वोल्वो बस का संचालन बंद कर दिया गया था, जो बीते सवा साल से दोबारा पटरी पर लौट नहीं सका है। पंजाब रोडवेज के पास लगभग 5 दर्जन वातानुकूलित वोल्वो बसें हैं, जिनमें से अधिकतर बसें वर्कशॉप में ही खड़ी हैं। पंजाब रोडवेज के जालंधर डिपो की तरफ से वोल्वो बस का संचालन चंडीगढ-जालंधर रूट पर शुरू किया गया था, लेकिन ज्यादा संख्या में यात्री न मिल पाने के चलते वोल्वो बस को बंद कर दिया गया। अन्य डिपो की बेहद कम संख्या में वॉल्वो बस चला रहे हैं, लेकिन फायदा नहीं मिल पा रहा है। वर्कशॉप में लगातार सवा साल तक खड़े रहने के बाद वोल्वो बसों की स्थिति भी जर्जर होने लगी है। रंग और सीटें तो खराब हो ही रहे थे लेकिन अब इंजन के रबड़ पार्टस खराब होने की भी आशंका है।
इसके बावजूद पंजाब रोडवेज प्रबंधन को वोल्वो बसों की ऋण वापसी के लिए चिंता है। पंजाब रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि जब तक पूर्ण लॉकडाउन खुल नहीं जाता। दिल्ली रूट पर किसानों का धरना खत्म नहीं हो जाता और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शुरू नहीं हो जाती। तब तक वोल्वो का 100 फीसद संचालन शुरू हो पाना संभव नहीं है।