हड़ताल के दूसरे दिन यात्रियों की संख्या में गिरावट, खाली नजर आया बस टर्मिनल
पंजाब रोडवेज पनबस व पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कांट्रैक्ट वर्कर्स की बेमियादी हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को एकाएक यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई।
जागरण संवाददाता, जालंधर : पंजाब रोडवेज, पनबस व पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के कांट्रैक्ट वर्कर्स की बेमियादी हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को एकाएक यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई। आमतौर पर यात्रियों से खचाखच भरा रहने वाला शहीद-ए-आजम भगत सिंह इंटर स्टेट बस टर्मिनल मंगलवार को खाली नजर आया। सरकारी बसें नहीं थी और यात्री भी कम थे। हड़ताल के चलते निजी व अन्य राज्यों की बसें लगातार आवागमन करती रही और कहीं भी बसों के लिए यात्री इंतजार करते नहीं देखे गए। हालांकि मुफ्त यात्रा सुविधा का लाभ उठाने के लिए महिला यात्री पंजाब की सरकारी बसों का इंतजार करती दिखीं। ट्रांसपोर्टर्स ने सोमवार को ही आशंका जाहिर की थी कि मंगलवार को यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आएगी। बहरहाल पीआरटीसी ने दिल्ली की वोल्वो बस सर्विस को जारी रखा है। निजी आपरेटर चंडीगढ़ सेक्टर वोल्वो चला रहे हैं। दिल्ली रूट पर हरियाणा रोडवेज की कई बसें खड़ी रहीं, लेकिन दिल्ली के लिए यात्रियों की संख्या बसों की संख्या के मुताबिक पर्याप्त नहीं थी।
उधर वर्कर्स की हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को पंजाब रोडवेज जालंधर-एक डिपो के गेट पर धरना दिया गया। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि हड़ताल के दौरान भी ट्रांसपोर्ट माफिया पूरी तरह से सक्रिय है। पंजाब रोडवेज के मोनोपली रूटों पर निजी ऑपरेटरों से पैसे लेकर अवैध बसें चलाई जा रही हैं। उन्होंने मांग की कि सरकारी बसों की संख्या न्यूनतम 10000 की जाए। निजी बस ऑपरेटरों ने दी वन प्लस वन फ्री की ऑफर
यात्रियों की संख्या में आई एकाएक गिरावट के चलते कुछ निजी आपरेटरों ने महिला यात्रियों को आकर्षित करने के लिए वन प्लस वन फ्री की आफर दी। निजी आपरेटरों का कहना है कि महिला यात्रियों के साथ सफर कर रहे पुरुष यात्री भी सरकारी बस में ही सवार हो रहे हैं जिस वजह हड़ताल के बावजूद उनको कोई लाभ नहीं हो रहा। मुल्तवी सीएम आवास का घेराव
यूनियन की मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से बैठक करवाने के आश्वासन के बाद मंगलवार को सिसवां में होने वाले मुख्यमंत्री आवास के घेराव को मुल्तवी कर दिया गया है। अब बुधवार को चंडीगढ़ में यूनियन सदस्यों की मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से बैठक होगी। अगर इस बैठक के दौरान यूनियन की मांगों को लेकर कोई हल नहीं निकला तो फिर सचिवालय से ही यूनियन अगले संघर्ष का एलान करेगी।