फ्रंटलाइन वारियर बनी पेट्रोलियम इंडस्ट्री खुद लाचार, कम बिक्री व डीलर मार्जन न बढ़ने से तालाबंदी की कगार पर पहुंची
कोरोना काल में संक्रमण की संभावनाओं के मध्य फ्रंटलाइन वारियर बन कर लगातार तेल उपलब्ध करवाने वाली पेट्रोलियम इंडस्ट्री अब खुद लाचार नजर आ रही है। प्रदेश के मध्य में स्थित पेट्रोल पंप संचालक भी पेट्रोल पंप चला पाने में खुद को असमर्थ बता रहे हैं।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। कोरोना काल में संक्रमण की संभावनाओं के मध्य फ्रंटलाइन वारियर बन कर लगातार तेल उपलब्ध करवाने वाली पेट्रोलियम इंडस्ट्री अब खुद लाचार नजर आ रही है। पेट्रोलियम इंडस्ट्री इस समय तेल की बिक्री गिरने एवं पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर डीलर मार्जिन न बढ़ाए जाने के चलते आर्थिक संकट से घिर चुकी है। हालात कुछ ऐसे बन चुके हैं कि पहले तो पंजाब के सीमांत क्षेत्र में स्थित पेट्रोल पंप तालाबंदी का शिकार हुए थे, लेकिन अब प्रदेश के मध्य में स्थित पेट्रोल पंप संचालक भी पेट्रोल पंप चला पाने में खुद को असमर्थ बता रहे हैं। कई पेट्रोल पंप संचालक अब तेल कंपनियों को डीलर मार्केट न बढ़ाए जाने के चलते पेट्रोल पंप चलाने में अपनी असमर्थता बताते हुए लिख भी चुके हैं।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पंजाब (पीपीडीएपी) के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा।
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पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पंजाब (पीपीडीएपी) के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा ने कहा कि जब कोरोनावायरस संक्रमण से बचने के लिए सारी दुनिया घरों में कैद हो चुकी थी तो पैट्रोलियम इंडस्ट्री दिन रात कोविड-19 के बचाव में लगी सरकारी मशीनरी एवं एंबुलेंसों को तेल मुहैया करवाने के लिए तैनात थी। लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते तेल की बिक्री कम हो चुकी है और तेल कंपनियां खुद इसकी पुष्टि भी कर रही हैं पेट्रोल पंप संचालकों के खर्च को कम नहीं हुए हैं, लेकिन बिक्री कम हो गई है। पेट्रोल पंप संचालक बीते लंबे अरसे से तेल कंपनियों से डीलर मार्जिन बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन तेल कंपनियों की अफसरशाही आंखें मूंदकर बैठी हुई है। इससे पैट्रोलियम इंडस्ट्री तबाह हो जाएगी।
पीपीडीएपी के महासचिव डॉ मंजीत सिंह।
पीपीडीएपी के महासचिव डॉ मंजीत सिंह ने कहा कि तेल कंपनियां और प्रदेश सरकार दोनों मिलकर पैट्रोलियम इंडस्ट्री को तबाह करने पर लगी हुई है तेल कंपनियां जानबूझकर पेट्रोल पंप संचालकों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है, जबकि तेल कंपनियां खुद 25 फीसद के अपने भारी-भरकम मुनाफे की घोषणा करती हैं। तेल कंपनियों की अफसरशाही पैट्रोलियम इंडस्ट्री को तबाह करने पर जुटी हुई है। अगर अति शीघ्र पेट्रोल पंप संचालकों को राहत नहीं दी गई तो पेट्रोल पंप बंद करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं होगा।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, पंजाब के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, पंजाब के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि पेट्रोल पंप संचालकों को प्रति लीटर डीलर मार्जिन दिया जाता है जबकि यह कीमत के ऊपर आधारित होना चाहिए उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम व्यवसाय में सबसे ज्यादा पैसे की इन्वेस्टमेंट होती है और तेल कंपनियां खर्चे भी ठोक देती हैं बावजूद इसके डीलर मार्जिन वर्षों तक बढ़ाया नहीं जाता है उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों के अफसरशाही जानबूझकर पेट्रोल पंप संचालकों के ऊपर दबाव बनाती है और हालात यह हो गए हैं कि पंजाब के एक पेट्रोल पंप संचालक को आत्महत्या तक करनी पड़ी है उन्होंने कहा कि अति शीघ्र डीलर मार्जिन बढ़ाया जाना चाहिए अन्यथा तेल कंपनियों को खुद ही पेट्रोल पंप बंद कर देने चाहिए।
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पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, जालंधर अध्यक्ष सुखमोहन सिंह सहगल।
पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, पंजाब के जालंधर के जिला अध्यक्ष सुखमोहन सिंह सहगल ने कहा कि बीते 1 वर्ष में ही पेट्रोल डीजल की बिक्री कई गुना कम हो चुकी है और खुद तेल कंपनियां इससे अवगत हैं। प्रत्येक पेट्रोल पंप संचालक को एक ही वर्ष में लाखों का घाटा हुआ है तेल कंपनियां व्यवसाय को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोल पंप संचालकों को कोई राहत तो नहीं दे रही हैं अलबत्ता उन पर दबाव जरूर बनाया जा रहा है उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में वह दिन दूर नहीं है जब पंजाब में बड़े स्तर पर पेट्रोल पंप बंद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि तेल कंपनियों को अति शीघ्र पेट्रोल पंप संचालकों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
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