Move to Jagran APP

पंजाब की लाइफलाइन सतलुज दरिया का पानी पीने योग्य नहीं, जांच में सैंपल फेल, नहरी विभाग ने दी चेतावनी

फिरोजपुर फीडर सरहिंद फीडर व राजस्थान फीडर का पानी पंजाब में मालवा के कुछ जिलों व राजस्थान के नौ जिलों में पेयजल व सिंचाई के कार्य में प्रयोग होता है। ऐसे में कैनाल विभाग की एडवाइजरी लोगों को चिंतित करने वाली है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 06:10 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 06:10 PM (IST)
पंजाब की लाइफलाइन सतलुज दरिया का पानी पीने योग्य नहीं, जांच में सैंपल फेल, नहरी विभाग ने दी चेतावनी
निरोआ पंजाब मंच के कनवीनर गुरप्रीत सिंह चंदबाजा फिरोजपुर फीडर में प्रदूषण की स्थिति दिखाते हुए।

प्रदीप कुमार सिंह, फरीदकोट। सतलुज दरिया का पानी इंसान के पीने लायक नहीं रहा। फिरोजपुर कैनाल विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से नहर के पानी का पेयजल के रूप में प्रयोग न करने की सलाह दी है। उन्होंने इसे केवल सिंचाई के रूप में प्रयोग करने को कहा है। सतलुज दरिया से निकलने वाले फिरोजपुर फीडर, सरहिंद फीडर व राजस्थान फीडर का पानी पंजाब में मालवा के कुछ जिलों व राजस्थान के नौ जिलों में पेयजल व सिंचाई के कार्य में प्रयोग होता है। ऐसे में कैनाल विभाग की एडवाइजरी लोगों को चिंतित करने वाली है।

loksabha election banner

वर्तमान में राजस्थान फीडर में राजस्थान के हिस्सों में मरम्मत का काम चल रहा है। इसके कारण उसमें पानी की सप्लाई बंद है और सरहिंद फीडर में दरार पड़ जाने सरहिंद फीडर में भी सप्लाई बंद करनी पड़ी है। फिरोजपुर फीडर में सप्लाई पहले से ही बंद थी परंतु बढ़ती गर्मी के कारण फाज्लिका के हिस्सों में पेयजल को लेकर हाहाकार मच गया। इसे देखते हुए नहरी विभाग ने फिरोजपुर फीडर में पानी की सप्लाई तो शुरु कर दी गई परंतु प्रदूषण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर एडवाइजरी भी जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि नहर का पानी केवल सिंचाई के लिए प्रयोग करें न कि पीने के लिए।

इस एडवाजरी से फिरोजपुर फीडर से पानी लेने वाले ही नहीं है बल्कि सरहिंद फीडर व राजस्थान फीडर के लोग भी चिंतित हैं। तीनों फीडरों में तो पानी सतलुज दरिया का ही आता है। नहरी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उक्त एडवाइजरी जारी करने के पीछे राजस्थान प्रदूषण बोर्ड और पंजाब प्रदूषण बोर्ड की वह रिपोर्ट है, जिसमें नहर के पानी के सैंपल को इंसानों के पीने के लायक नहीं पाया गया। इन सैंपलों में हैवी मेटल की अधिकता है। इसमें सबसे ज्यादा नाइट्रेस पाया गया है जो कि इंसानों के लिए कई गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।

फरीदकोट शहर में सरहिंद नहर से पानी लेकर पीने के लिए देने वाले वाटर वर्क्स के एसडीओ रतनजोत सिंह ने बताया कि फिलहाल सरहिंद फीडर बंद होने के कारण वह राजा माइनर व ट्यूबवेल से पानी शहर में सप्लाई कर रहे थे। उन्होंने बताया आने वाले दिनों में जब सरहिंद फीडर में पानी की सप्लाई शुरु होगी तो पानी के सैंपल जांच करवाने के बाद ही पेयजल के लिए पानी की सप्लाई करेंगे।

जालंधर और लुधियाना की फैक्ट्रियों से छोड़ा जा रहा गंदा पानी

निरोआ पंजाब मंच के कनवीनर गुरप्रीत सिंह चंदबाजा ने बताया कि सतलुज में जालंधर व लुधियाना की फैक्ट्रियों का गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी पंजाब के मालवा के जिलों व राजस्थान के नौ जिलों में पेयजल व सिंचाई के रुप में प्रयोग हो रहा है। सतलुज को प्रदूषण मुक्त करने के लिए राजस्थान व पंजाब के पर्यावरण प्रेमी बड़ा संघर्ष चला रहे हैं। इसके लिए पंजाब, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली तक उन लोगों ने पहुंच की परंतु हर जगह से आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। सतलुज दरिया का पानी लोगों को कैंसर, हेपेटाइटिस सी, गर्भपात, हड्डी रोग, चमड़ा रोग के साथ ही पशु-पक्षियों को भी कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त कर रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.