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पंजाब के सरकारी स्कूलों में हाउस टेस्ट आज से, शिक्षकों के लिए स्टूडेंट्स की 100% अटेंडेंस करने का चैलेंज

पंजाब के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की सालाना परीक्षाओं में सीसीई अंक जोड़ने के लिए हाउस टेस्ट आज से यानी कि पांच जुलाई से शुरू हो रहे हैं। इन हाउस टेस्ट में शिक्षकों को विद्यार्थियों की 100 फीसद हाजरी करना चैलेंज रहेगा ।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 08:40 AM (IST)
पंजाब के सरकारी स्कूलों में हाउस टेस्ट आज से, शिक्षकों के लिए स्टूडेंट्स की 100% अटेंडेंस करने का चैलेंज
हाउस टेस्ट में शिक्षकों को विद्यार्थियों की 100 फीसद हाजरी करना चैलेंज रहेगा।

जालंधर, अंकित शर्मा। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों की सालाना परीक्षाओं में सीसीई अंक जोड़ने के लिए हाउस टेस्ट आज से यानी कि पांच जुलाई से शुरू हो रहे हैं। इन हाउस टेस्ट में शिक्षकों के लिए विद्यार्थियों की 100 फीसद हाजरी करना चैलेंज रहेगा, क्योंकि इन टेस्ट के सालाना परीक्षाओं में अंक जुड़ने की वजह से ही हर विद्यार्थी का शामिल होना जरूरी है। जिस वजह से सुबह दस बजे से पहले अर्थात परीक्षा शुरू होने से पहले शिक्षक अभिभावकों से राफ्ता कायम करेंगे, ताकि वे आनलाइन परीक्षाओं में विद्यार्थियों को भागीदार अवश्य बनाएं।

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बता दें कि इन हाउस टेस्ट को लेकर डेटशीट विद्यार्थियों और अभिभावकों को एक व दो जुलाई को हुई पीटीएम में दे दी गई है। यह टेस्ट अप्रैल और मई में करवाए गए सिलेबस के आधार पर ही होनी हैं। परीक्षाओं के प्रबंधों को सुनिश्चित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों व उप जिला शिक्षा अधिकारियों की टीमें भी निरीक्षण पर रहेंगी। वे स्कूलों के प्रबंधों का भी जायजा लेंगे। जिसे लेकर शिक्षा सचिव की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायतें दे दी थी और विद्यार्थियों की हाजरी सुनिश्चित करने के लिए कहा था।

टेस्ट से सालाना परीक्षाओं में जुड़ने वाले अंक और प्रोग्रेस का आंकलन होगा

इन हाउस टेस्ट के जरिये शिक्षकों की तरफ से दो कार्य किए जाने हैं। पहला यह कि सालाना परीक्षाओं में विद्यार्थियों के अंक को जुड़वाने के लिए परीक्षाओं में भागीदारी दिलाना और दूसरे यहा कि इसके जरिये प्रत्येक विद्यार्थी की प्रोग्रेस का आंकलन कर रिपोर्ट तैयार करना है। इसी रिपोर्ट के आधार पर विद्यार्थियों पर फोकस किया जाएगा कौन से विद्यार्ती 90 फीसद से अधिक वाले हैं और कौन से इससे कम वाले या फिर एवरेज वाले। एवरेज वालों पर ज्यादा जोर दिया जाएगा, जबकि 50 फीसद से ऊपर और 90 से ऊपर वालों की परफार्मेंस को बेस्ट बनाने के लिए उनकी कमियों पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। क्योंकि सरकारी स्कूलों में अभी तक शिक्षकों की तरफ से आनलाइन पढ़ाई ही विद्यार्थियों का करवाई है और रोजाना विषय से जुड़ी स्लाइड व आडियो-वीडियो लेक्चर भी भेजे गए। विभाग की तरफ से स्पेशल दूरदर्शन पर प्रोग्राम चलाए। ताकि विद्यार्थियों को विषय माहिरों के लेक्चरर सुनकर भी पढ़ाई करने में मदद मिल सके। ऐसे में विद्यार्थियों के ज्ञान का आंकलन करना बेहद जरूरी हो गया है।


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