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पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली काटेगी AAP का करंट, पार्टी लगातार राज्य सरकार पर दाग रही थी निशाने

पंजाब में सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवा कर सत्तासीन कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से लगातार दागे जा रहे निशानों को निष्क्रिय बनाने की कोशिश की है। आप पंजाब सरकार को महंगी बिजली के मसले पर घेर रही थी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 12:03 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 12:03 PM (IST)
पंजाब में घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली काटेगी AAP का करंट, पार्टी लगातार राज्य सरकार पर दाग रही थी निशाने
कैप्टन सरकार ने आम आदमी पार्टी द्वारा दागे जा रहे निशानों को निष्क्रिय बनाने की कोशिश की है।

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। प्रदेश के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध करवा कर सत्तासीन कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से लगातार दागे जा रहे निशानों को निष्क्रिय बनाने की कोशिश की है। आम आदमी पार्टी की तरफ से बीते लगभग 2 वर्षों से भी ज्यादा अरसे से पंजाब सरकार को महंगी बिजली के मसले पर घेरा जा रहा था और पंजाब सरकार का विरोध करने के लिए बकायदा तौर पर बिजली आंदोलन की भी शुरुआत की गई थी।

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आम आदमी पार्टी के स्थानीय नेताओं की तरफ से लगातार यह मांग उठाई जा रही थी कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर पंजाब में भी सस्ती बिजली मुहैया करवाई जाए। आप की तरफ से शुरू किए गए बिजली आंदोलन के दौरान उपभोक्ताओं को भेजे गए बिजली के बिलों को भी जलाना शुरू किया गया था। हालांकि आम आदमी पार्टी की धीमी रफ्तार की वजह से बिजली आंदोलन भारी रफ्तार तो नहीं पकड़ सका था, लेकिन लोगों का समर्थन इसे जरूर मिलना शुरू हो गया था। लोगों को बिजली बिलों में राहत मिलने की उम्मीद तो नहीं थी, लेकिन लोगों को इस बात का संतोष जरूर था कि किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ से प्रदेश में उपलब्ध करवाई जा रही महंगी बिजली के मसले पर आवाज उठाई जा रही है।

चुनावी वर्ष में पहुंचकर चुनाव से कुछ महीने पहले कैप्टन सरकार की तरफ से बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं को दरों में कटौती करने तथा छोटे एवं मध्यम वर्ग के उद्योग वर्ग के लिए बिजली दरों में बढ़ोतरी न कर अपनी छवि सुधारने का एक प्रयत्न जरूर किया गया है। हालांकि इंडस्ट्री के लार्ज सप्लाई एलएस कनेक्शन धारक फिक्स्ड चार्ज दरों को बढ़ाए जाने के चलते सरकार का विरोध भी कर रहे हैं, लेकिन निसंदेह कैप्टन सरकार की तरफ से बिजली के मसले पर आम आदमी पार्टी की रफ्तार को रोकने की भरसक कोशिश जरूर की गई है।


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