Punjab Election 2022: सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी रण के लिए सज गई बिसात, फैसला अब जनता के हाथ
विधानसभा हलका सुजानपुर में तीन बार विधायक रह चुके विधायक दिनेश सिंह बब्बू चौथी बार भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान उतरे हैं। उनका मुकाबले में शिअद-बसपा से राजकुमार गुप्ता कांग्रेस के नरेश पुरी और आप के अमित सिंह मंटू हैं।
संवाद सहयोगी, सुजानपुर: विधानसभा हलका सुजानपुर महासमर 2022 के तहत राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने प्रत्याशी की घोषणा हो जाने के साथ ही हलके में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। अब विधानसभा हलका सुजानपुर के भविष्य का फैसला जनता के हाथ में है। सभी प्रत्याशी डोर-टू-डोर जनता के पास जाकर संपर्क रहे हैं। सुजानपुर की जनता 20 फरवरी को मतदान डालकर फैसला करेगी।
विधायक दिनेश सिंह बब्बू (भाजपा)
विधानसभा हलका सुजानपुर में तीन बार विधायक रह चुके विधायक दिनेश सिंह बब्बू चौथी बार भाजपा की तरफ से चुनाव मैदान उतरे हैं। बब्बू अपने कार्यकाल के दौरान कराए गए कार्यों जनता को बता रहे हैं। वर्तमान कांग्रेस सरकार की नाकामियां जनता को बता रहे हैं, जबकि जमीनी तौर पर कार्यकर्ताओं के साथ जुड़े हैं। कांग्रेस के गढ़ की सीट माने जाने वाले सुजानपुर विधान सभा में भाजपा के वह एक मात्र ऐसे विधायक हैं जो लगातर तीन बार जीत चुके हैं। वह बारहवीं कक्षा तक पढ़े हैं। पूर्व की अकाली-भाजपा सरकार में वह डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। पार्टी में मंडल प्रधान पद के अलावा वह कई पदों पर कार्य कर चुके हैं।
राजकुमार गुप्ता (शिअद-बसपा)
राजकुमार गुप्ता भाजपा से बागी होकर अकाली-बसपा गठबंधन की तरफ से चुनाव लड़ रहे हैं। राजकुमार गुप्ता छह बार पार्षद तथा एक बार पूर्व नगर कौंसिल अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कार्यकर्ताओं के साथ जमीनी तौर पर जुड़े हैं। राज कुमार गुप्ता भाजपा के कदावर नेता थे। भाजपा के मंडल प्रधान से लेकर कई पदों पर कार्य किया। राज कुमार गुप्ता बारहवीं पास है। पिछले साल नगर कौंसिल चुनाव के बाद उनकी विधायक दिनेश सिंह बब्बू से खटपट चल रही थी। इसी रोष स्वरूप पिछले साल उन्होंने पार्टी को अलविदा कह कर शिरोमणि अकाली दल का दामन था। वह पहली बार सुजानपुर विधान सभा से चुनाव लड़ रहे हैं।
नरेश पुरी (कांग्रेस)
कांग्रेस पार्टी ने हलके से नरेश पुरी को प्रत्याशी बनाया है। वह नगर कौंसिल में पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। अपने पिता पूर्व मंत्री स्वर्गीय रघुनाथ सहाय पुरी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। नरेश पुरी इसने पहले दो बार आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। इससे पहले 2012 और 2017 में उन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर सुजानपुर से चुनाव लड़ा। 2012 में वह दूसरे और 2017 में वह तीसरे नंबर पर रहे। 2012 तथा 2017 के विधानसभा चुनावों में उनके आजाद खड़े होने के चलते कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इस बार पुरी के सामने भी ऐसी स्थिति पैदा हो गई है क्योंकि इस चुनाव में अब उनको अपने कांग्रेसी विरोधियों का ही सामना करना पड़ रहा है। नरेश पुरी स्नातक कर चुके हैं। इस बार वह अपना तीसरा चुनाव लड़ेंगे।
अमित सिंह मंटू (आप)
कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार अमित सिंह मंटू टिकट न मिलने के चलते कांग्रेस को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी में जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से अमित सिंह मंटू को सुजानपुर से प्रत्याशी बना देने से कांग्रेस के लिए नई मुश्किलें पैदा हो गई है। अमित मंटू वर्ष 2017 में कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ा था। चुनाव हारने के बाद अमित सिंह मंटू 5 वर्ष कार्यकर्ताओं के साथ रहे हर गांव शहर में दुख सुख में शामिल हुए। आम आदमी पार्टी की ओर से अमित मंटू को पार्टी का प्रत्याशी बना देने से हलके के समीकरण चेंज हो गए हैं। इस चुनाव में अमित सिंह मंटू को कांग्रेस के बागियों का समर्थन मिल रहा है। इसका सीधा नुकसान है इस बार कांग्रेस को होता दिख रहा है। पिछले चुनाव में उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश सिंह बब्बू से हुआ था। वह कांग्रेस के प्रदेश सचिव, किसान खेत मजदूर सेल के जिला चेयरमैन से लेकर कई पदों पर वह पार्टी के लिए कार्य कर चुके हैं। नरेश पुरी को कांग्रेस का टिकट मिलने के बाद उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह कर आप का दामन थामा है।