छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में घायल पंजाब के जवान ने बचाई अफसर की जान, कैप्टन ने किया बहादुरी को सलाम
छत्तीगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में घायल अफसर की जान बचाते हुए पंजाब के जवान ने खुद भी गोली खाई और घायल हो गया। पंजाब के सीएम ने अस्पताल में उपचाराधीन बहादुर जवान से बात की और उसका हौसला बढ़ाया।
तरनतारन [धर्मबीर सिंह मल्हार]। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में घायल होने के बावजूद अपने सीनियर अधिकारी अभिषेक पांडे की जान बचाने वाले सिपाही बलराज सिंह का परिवार खुद को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा है। मां हरजीत कौर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा, 'मुझे गर्व है कि बेटे ने पगड़ी का मान ऊंचा किया।' वहीं, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी वीडियो कॉल कर घायल बलराज सिंह से बात की और उसकी बहादुरी को सलाम किया।
बलराज सिंह के पिता जसवंत सिंह साधारण किसान हैं। वह वाहेगुरु का धन्यवाद करते हुए कहते हैं, 'किसी की जान बचाने से बड़ा कोई पुण्य नहीं है।' पत्नी यादविंदर कौर कहती हैं, 'मेरे सुहाग ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की ओर से बख्शी दस्तार से अपने अफसर की जान बचाई है। उम्मीद है कि वह जल्द तंदुरुस्त होकर दोबारा देश सेवा में जुट जाएंगे।'
Spoke to Balraj Singh, our valiant COBRA commando, who saved his fellow jawan’s life by tying his turban on the bleeding leg inspite of taking a bullet in his stomach during the dastardly Naxal attack on our forces. Happy to know he is doing well & recuperating. Proud of you! 🇮🇳 pic.twitter.com/RPzop3LO98— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) April 8, 2021
गौरतलब है कि तीन अप्रैल को नक्सली हमले में सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के एएसआइ अभिषेक पांडे जख्मी हो गए थे। उनके पांव से लगातार खून बह रहा था। इससे उनकी जान भी जा सकती थी। तरनतारन के कलेर गांव के रहने वाले सिपाही बलराज सिंह ने अपनी पगड़ी उतारकर एएसआइ अभिषेक पांडे के जख्म को बांध दिया, जिससे खून बहना बंद हो गया। बाद में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। इस दौरान बलराज को भी गोली लग गई और वह जख्मी हो गया। बलराज की मां हरजीत कौर ने कहा, 'मेरे लाल ने बहादुरी का काम किया है। पेट में गोली लगने की परवाह न करते अपने अधिकारी की जान बचाने लिए उस पगड़ी का इस्तेमाल किया, जो सिख कौम को दशम पातशाह श्री गुरु गोङ्क्षबद सिंह जी ने बख्शी की गई थी।'
बहनों ने कहा, घी के दीेये जलाएंगी
10 अक्टूबर, 2014 को सीआरपीएफ में भर्ती हुए बलराज सिंह ने ड्यूटी दौरान ही ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। बहन नवदीप कौर, राजबीर कौर व बलजीत कौर का कहना है कि अब उस घड़ी का इंतजार है, जब हमारा भाई घर लौटेगा। हम घी के दीये जलाएंगी।
फोन पर भावुक हुआ परिवार...
मां ने कहा- तू कहता था जन्मदिन घर आकर मनाऊंगा, तेरी मां इंतजार कर रही है
वीरवार शाम करीब चार बजे यादविंदर कौर को पति का फोन आया। हालचाल पूछते हुए यादविंदर कौर भावुक हो गईं। दुपट्टे से आंसू पोंछते उसने अपनी सास हरजीत कौर को फोन थमा दिया। बलराज सिंह ने बताया कि उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। मां ने कहा, 'वे पुत राजू ऐंवे मन ते न लांवी, तूं तां मेरा शेर पुत ए। आह वेख तेरियां भैणां वी अज्ज तेरे ते मान करदियां ने। तू कैंहदां सी 11 अप्रैल नूं अपणा जन्मदिन घर आ के मनाएंगा। याद रक्खीं, भुल न जांवी, तेरी मां तैनूं उडीकदी पई आ।'
(राजू, तू तो मेरा शेर बेटा है। ये देख तेरी बहनें भी आज तुझ पर मान कर रही हैं। तू कहता था 11 अप्रैल को घर आकर जन्मदिन मनाऊंगा। याद रखनाए भूल मत जाना। तेरी मां तेरा इंतजार कर रही है।)