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नई 842 बसें फूंकेंगी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री में नई जान, लाकडाउन के बाद से आर्थिक संकट में हैं कारोबारी

पंजाब सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से पनबस में 587 और पीआरटीसी के बेड़े में 255 नई बसें शामिल करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। नई बसों की चेसिज को फाइनल कर लिया गया है। टेंडर प्रक्रिया जारी है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 11:38 AM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 11:38 AM (IST)
पनबस में 587 और पीआरटीसी के बेड़े में 255 नई बसें शामिल की जा रही हैं।

मनुपाल शर्मा, जालंधर। जल्द पनबस एवं पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) के बेड़े में शामिल होने जा रही 842 नई बसें भारी आर्थिक संकट झेल रही पंजाब की फैब्रिकेशन इंडस्ट्री के लिए तारणहार साबित हो सकती हैं। पंजाब सरकार के परिवहन विभाग की तरफ से पनबस में 587 और पीआरटीसी के बेड़े में 255 नई बसें शामिल करने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। नई बसों की चेसिज को फाइनल कर लिया गया है और अब नई बसों की फेब्रिकेशन के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। टेंडर प्रक्रिया में पंजाब के फैब्रिकेटर भी हिस्सा ले रहे हैं और उम्मीद जता रहे हैं कि पंजाब सरकार की तरफ से फेब्रिकेशन का काम पंजाब के भीतर ही संभव हो सकेगा। हालांकि टेंडर प्रक्रिया में पंजाब के अलावा बाहरी राज्यों के फैब्रिकेटर भी हिस्सा लेते हैं।

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गत वर्षों में पंजाब परिवहन विभाग के फेब्रिकेशन से संबंधित टेंडर में कुछ ऐसी शर्तें रख दी गई थी, जिसे स्थानीय फैब्रिकेटर टेंडर की शर्तों की वजह से ही क्वालीफाई नहीं कर पाए। इसका नतीजा यह निकला कि सरकारी बसों की फेब्रिकेशन का काम उन्हें नहीं मिल पाया। पंजाब सरकार की तरफ से अपनी सरकारी बसों की फेब्रिकेशन राजस्थान और हरियाणा में करवाई गई। लाकडाउन के चलते पहले ही पंजाब की बस बॉडी फैब्रिकेशन इंडस्ट्री को काम नहीं मिल पाया। बस परिवहन पहले बंद रहने और उसके बाद सीमित हो जाने के चलते रिपेयर तक के काम के लिए फैब्रिकेटर्स को मशक्कत करनी पड़ी। आर्थिक संकट इस कदर बढ़ा कि जालंधर के बहुत सारे फैब्रिकेटर अपना काम बंद करने को मजबूर हो गए।

अपर इंडिया कोच बिल्डर्स एसोसिएशन के देवेंद्र सिंह बिट्टू एवं विजय खुल्लर ने कहा कि इस बार वह आशावान हैं कि पंजाब की फेब्रिकेशन इंडस्ट्री को पंजाब की सरकारी बसों की फेब्रिकेशन का काम मिल जाएगा। पहले ही काम न मिलने की वजह से इंडस्ट्री भारी आर्थिक संकट झेल रही है। फेब्रिकेशन की कई इकाइयां बंद हो चुकी हैं।


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