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पंजाब चुनाव 2022 : जालंधर में आप को बड़ा झटका, डाक्टर्स विंग पंजाब के सह अध्यक्ष संजीव शर्मा ने दिया इस्तीफा

जालंधर में 2017 में आप की टिकट पर विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल से चुनाव लड़ने वाले आप डाक्टर्स विंग पंजाब के सह अध्यक्ष डा. संजीव शर्मा ने अपने साथियों सहित तत्काल प्रभाव से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। डा. संजीव शर्मा ने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 03:33 PM (IST)
पंजाब चुनाव 2022 : जालंधर में आप को बड़ा झटका, डाक्टर्स विंग पंजाब के सह अध्यक्ष संजीव शर्मा ने दिया इस्तीफा
जालंधर में आप डाक्टर्स विंग पंजाब के सह अध्यक्ष संजीव शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है।

जालंधर [मनुपाल शर्मा]। विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर फैला असंतोष अब आम आदमी पार्टी (आप) के दिग्गज नेताओं के इस्तीफे दिला रहा है। वर्ष 2017 में आपकी टिकट पर विधानसभा हलका जालंधर सेंट्रल से चुनाव लड़ने वाले आप डाक्टर्स विंग पंजाब के सह अध्यक्ष डा. संजीव शर्मा ने अपने साथियों सहित तत्काल प्रभाव से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। डा. संजीव शर्मा ने अपना इस्तीफा पार्टी को भेज दिया है। इस्तीफा देने के बाद डा. संजीव शर्मा सोमवार को मीडिया से भी मुखातिब भी हो सकते हैं।

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डा. संजीव शर्मा ने कहा है कि लगभग तमाम विपक्षी पार्टियों के प्रतिनिधि उनके संपर्क में हैं और उन्हें ज्वाइनिंग आफर दिए जा रहे हैं, लेकिन पार्टी के समर्थकों की राय के साथ ही वह भविष्य संबंधी कोई फैसला लेंगे। डा. संजीव शर्मा ने कहा कि पार्टी अपनी नीतियों से भटक चुकी है। सात वर्ष पहले वह अरविंद केजरीवाल की नीतियों से प्रभावित होकर ही पार्टी में आए थे। सात वर्ष तक उन्होंने पार्टी के प्रचार एवं प्रसार के लिए तन मन धन के साथ सेवा की है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में पार्टी के साथ रहना अब संभव नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में डिक्टेटरशिप आ गई है। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जालंधर में आने के बावजूद भी पार्टी के नेताओं को मिलना मुनासिब नहीं समझते हैं।

चुनाव से ठीक पहले भी पार्टी काडर और नेताओं में दूरी होना किसी भी राजनीतिक पार्टी के भविष्य के लिए खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण को लेकर विभिन्न तरह की खबरें प्राप्त हुई हैं, लेकिन उनका मानना यह है कि अगर पार्टी के दिग्गज नेताओं को नजरअंदाज करते हैं तो उसकी जगह जो उम्मीदवार बनाया जाता है। वह कम से कम इतना मजबूत होना चाहिए की जीत दिला सके। कुछ दिन पहले पार्टी में आने वाले लोगों को टिकट देना डिक्टेटरशिप दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जब पार्टी से ही इस्तीफा दे दिया तो पार्टी के उम्मीदवारों के साथ चलना अथवा उन्हें समर्थन देना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वह और उनके साथी पार्टी नेताओं के व्यवहार से पूरी तरह से आहत हुए हैं। इस्तीफा देने के बावजूद वह भविष्य में हलके के लोगों एवं समर्थकों के साथ दिन-रात खड़े रहेंगे।


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