जीएनडीयू के जोनल यूथ फेस्टिवल में बरपा हंगामा, जानें क्यों प्रोफेसर तक धरने पर बैठे
जालंधर के एपीजे कालेज में जोनल यूथ फेस्टिवल के अंतिम दिन जजों के फैसले विवादों में घिर गए। बात इतनी बढ़ी कि प्रोफेसर, प्रिंसिपल तक विरोध करने लगे।
जासं, जालंधर। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की ओर से जालंधर में करवाए गए जोनल व इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल जजों के फैसले पर जमकर हंगामा बरपा। बात इतनी बढ़ी कि स्टाफ सहित एक प्रोफेसर धरने पर बैठ गए। गहमागहमी में करीब आधे घंटे बाद नतीजे घोषित हो पाए। एपीजे कालेज में शुक्रवार को फेस्टिवल के अंतिम दिन क्लासिकल डांस की परफार्मेंस के परिणाम के खिलाफ एपीजे कॉलेज स्टाफ सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। क्लासिकल डांस प्रतियोगिता में सिर्फ दो प्रतिभागी बीबीके-डीएवी, अमृतसर की छात्रा गीतांजलि व एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आट्र्स की छात्रा ज्योतिका ने रिपोर्ट की। इंटर जोनल यूथ फेस्टिवल में 31 कालेजों ने रिपोर्ट किया था। 30 स्पर्धाओं में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
जजों के फैसले से संतुष्ट नहीं था एपीजे कालेज स्टाफ
क्लासिकल डांस प्रतियोगिता में जज की भूमिका में पहुंची पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की डॉ. जसविंदर कौर व राजिंदर कौर और एमएच स्कूल, जम्मू के रवि शर्मा की ओर से एपीजे कॉलेज की ज्योतिका को प्रथम पुरस्कार नहीं दिए जाने से एपीजे कॉलेज का स्टाफ नाराज हो गया। स्टाफ ने जोरदार हंगामा कर दिया। यहां तक कि कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुचरिता शर्मा भी विरोध में उतर आई। जज डॉ. जसविंदर कौर के साथ उनकी बहस भी हो गई। डॉ. सुचरिता ने आरोप लगाया कि डांस की जजमेंट में पक्षपात किया गया, जिसके बाद जजों ने बीबीके-डीएवी की छात्रा गीतांजलि के साथ एपीजे की छात्रा ज्योतिका को भी प्रथम घोषित कर दिया। इस परिणाम को लेकर करीब आधे घंटे तक हंगामा हुआ।
कोई पक्षपात नहीं किया गया: डॉ. जसविंदर
क्लासिकल डांस प्रतियोगिता में जज की भूमिका निभाने वाली डॉ. जसविंदर कौर ने कहा कि प्रतियोगिता का परिणाम पारदर्शिता के साथ निकाला गया है। जो विद्यार्थी बेहतर प्रस्तुति देगा, वही आगे आएगा। प्रतियोगिता के नतीजे पर किसी के साथ भेदभाव नहीं हुआ।
डीएवी के प्रो. धवन ने दिया प्रिंसिपल के कमरे के बाहर धरना
वेस्टर्न सोलो प्रतियोगिता का परिणाम देरी से निकालने को लेकर डीएवी कालेज, जालंधर के प्रो. संजीव धवन ने एपीजे कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. सुचरिता शर्मा के ऑफिस के बाहर धरना दिया। प्रो. धवन ने आरोप लगाया कि वेस्टर्न वोकल सोलो प्रतियोगिता खत्म हो चुकी थी। रिजल्ट निकाले नहीं जा रहे थे। एपीजे कालेज के प्रोफेसर ने दुर्व्यवहार किया। कई रिजल्ट प्रिंसिपल ऑफिस में बैठकर तय किए गए। हालांकि प्रिंसिपल डॉ. सुचरिता शर्मा ने इन आरोपों का खंडन किया।
यूथ वेलफेयर विभाग की डायरेक्टर डॉ. जगजीत कौर ने कहा कि वेस्टर्न वोकल सोलो व वेस्टर्न ग्रुप सांग के परिणाम एकसाथ निकाले जाने थे, इसलिए वेस्टर्न वोकल सोलो के रिजल्ट निकालने में देरी हुई।
गिद्दे की जजमेंट पर भी उठे सवाल
गिद्दे की जजमेंट में भी केएमवी कालेज की टीम ने सवाल उठाए। जब जजों ने बीबीके-डीएवी कालेज को प्रथम घोषित किया तो केएमवी की छात्राओं ने विरोध किया। केएमवी टीम सदस्यों ने कहा कि उनकी गिद्दे की परफॉरमेंस बढिय़ा थी पर उन्हें दूसरा स्थान दिया गया। जजमेंट पर छात्राएं भड़क गई। इसी के साथ डीएवी कालेज ने भी गिद्दे की जजमेंट पर सवाल उठाए।
डीएवी कालेज के स्टाफ ने की शिकायत
गिद्दे की जजमेंट सही न होने के चलते डीएवी कालेज की गिद्दा टीम सदस्यों ने जीएनडीयू, अमृतसर के आब्जर्वर डॉ. टीएस बेनीपाल को पत्र सौंपा। जजमेंट दोबारा करने की बात कही। वहीं, दूसरी ओर केएमवी की छात्राओं ने गिद्दे की जजमेंट को लेकर आब्जर्वर को लिखित शिकायत दी, हालांकि उन्होंने शिकायत लेने से मना कर दिया। छात्रा चिल्लाती हुई ऑडिटोरियम से बाहर चली निकलीं।
जोनल यूथ फेस्टिवल में लग चुका है जजों के फैसले पर सवालिया निशान
28 अक्टूबर को लायलपुर खालसा कालेज में जोनल यूथ फेस्टिवल हुआ। वन एक्ट प्ले प्रतियोगिता के परिणाम पर ट्रिनिटी कॉलेज प्रबंधन ने सवालिया निशान लगा दिया। 29 अक्टूबर को विद्यार्थियों ने कालेज के बाहर धरना प्रदर्शन किया। ट्रिनिटी कॉलेज प्रबंधन ने कहा कि बेहतर प्ले होने के बावजूद पोजीशन नहीं मिली। इसी दौरान क्लासिकल डांस प्रतियोगिता में एपीजे कालेज की छात्रा ज्योतिका ने बेहतर प्रस्तुति दी। जजों ने ज्योतिका को दूसरे स्थान पर रखा। एपीजे कालेज प्रबंधन भी जजों के फैसले के खिलाफ खड़ा हो गया। इस फैसले के बाद जोनल यूथ फेस्टिवल की ओवरऑल ट्राफी का रिजल्ट एक सप्ताह बाद निकाला।
जजों के फैसले पर सवाल खड़ा करना गलत : डायरेक्टर
जीएनडीयू, अमृतसर के यूथ वेलफेयर विभाग की डायरेक्टर डॉ. जगजीत कौर ने कहा कि जजों के फैसले के खिलाफ कालेज प्रबंधन का खड़े होना सरासर गलत है। प्रतियोगिता के नतीजे जज सही नहीं निकाल रहे है, क्या उनपर कोई दवाब है, इस प्रश्न पर डायरेक्टर ने चुप्पी साध ली। डायरेक्टर ने जालंधरियों को लड़ाके कहकर बात हंसी में टाल दी। उन्होंने कहा कि कालेज प्रबंधन की शिकायत यूनिवर्सिटी के वीसी से की जाएगी।