जालंधर में युवक का दावा- स्पेशल आपरेशन यूनिट के एसआइ ने दी थर्ड डिग्री, पैसे भी नहीं लौटाए
जालंधर के पतारा गांव के व्यक्ति ने पुलिस पर थर्ड डिग्री टार्चर करने और जबरन पैसे व मोबाइल छीन लेने का आरोप लगाया है। उसने बताया कि पकड़े गए नशा तस्कर के फोन से नंबर मिलने पर पुलिस ने उसे उठा लिया।
जालंधर, जेएनएन। पतारा के गांव सेमी में रहने वाले प्रापर्टी डीलर राकेश कुमार ने स्पेशल आपरेशन यूनिट के एएसआइ बलजीत सिंह सुखराज सिंह मुंशी मेहता और एक अन्य पुलिस मुलाजिम पर बेवजह हवालात में रखने थर्ड डिग्री टार्चर देने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि पुलिस कर्मियों ने उनसे जबरन पैसे व मोबाइल भी छीने हैं।
शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश ने बताया कि उसके भाई बहादुर सिंह की इलाके में तीन दुकानें हैं। इनमें रेडीमेड कपड़ों, कैफे बिजली के सामान की दुकाने हैं। कुछ दिन पहले पुलिस उसके भाई को दुकान से जबरन उठाकर ले गई। दुकान में पड़ा डीवीआर, पैसे और उसके भाई का मोबाइल भी पुलिस ले गई। बाद में पता चला कि स्पेशल आपरेशन यूनिट के एएसआइ बलजीत ने उस पर नशीली गोलियां रखने का केस डाल दिया है। उसने आरोप लगाया कि उसके भाई को फोन देकर उससे 50 हजार रुपये मंगवाए गए। वह अपने एक दोस्त को साथ लेकर वहां पर गया तो उसे और उसके दोस्त को भी हवालात में बंद कर दिया गया।
पैसे ना दिए जाने पर उसकी और उसके दोस्त की जेब से जबरन पैसे निकाले गए और मोबाइल भी छीन ले गए। पूरी रात को हवालात में थर्ड डिग्री टार्चर किया गया। इसके बाद जबरदस्ती शराब पिलाकर झूठा मेडिकल करवाया गया। उन्होंने बताया कि जब मामला अदालत पहुंचा तो पुलिस ने वहां पर लिख दिया कि राकेश के खिलाफ कोई मामला साबित नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि जब इस मामले की पूरी जांच की तो सामने आया कि उनके भाई बहादुर सिंह के एक दोस्त को पुलिस ने नशीली गोलियों के मामले में उठाया था। उसके मोबाइल में बहादुर सिंह का नंबर था।
पुलिस ने उससे इस बारे में पूछताछ की तो उसने बता दिया कि इनकी तीन दुकानें हैं। इसी वजह से पुलिस वालों की नीयत खराब गई और उसके भाई पर बेवजह नशीली गोलियां डालकर उसे उठा लिया। राकेश का आरोप था कि जब अदालत में उसके खिलाफ कोई मामला साबित नहीं हुआ तो इसके बाद बलजीत बल्ली ने उनसे जबरदस्ती खाली कागजों पर दस्तखत करवा लिए और कहा कि यदि किसी को शिकायत दी तो उस पर झूठे पर्चे दर्ज कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में डीजीपी को भी शिकायत दे दी गई है। उन्होंने आरोपित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए अपने भाई पर दर्ज मामले को वापस लेने की मांग की है।
सभी आरोप बेबुनियादः स्पेशल यूनिट प्रभारी
उधर, इस मामले में स्पेशल आपरेशन यूनिट के प्रभारी अश्विनी नंदा ने आरोपों को निराधार बताया। उनका कहना था कि बहादुर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज था, जो अदालत में चल रहा है। बहादुर सिंह से बड़ी मात्रा में नशीली गोलियां मिली थी। एएसआइ बलजीत बल्ली और बाकी पुलिस कर्मियों पर पर लगाए गए आरोप झूठे हैं, फिर भी विभागीय जांच करवाई जा रही है।