प्रताप बाग मर्डरः घरवालों का फगवाड़ा गेट पर शव रखकर प्रदर्शन, अंतिम संस्कार के लिए रखी ये मांग
जोगिंदर के बेटे हरजोत ने आरोप लगाया कि हत्या के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपित अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। उसका कहना था कि पुलिस आरोपियों को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं कर रही है।
जालंधर, जेएनएन। वीरवार सुबह प्रताप बाग के पास नान की रेहड़ी लगाने वाले जोगिंदर की हत्या के मामले में शुक्रवार तक आरोपितों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए परिजनों ने फगवाड़ा गेट में सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन किया। इस दौरान फगवाड़ा गेट की मार्केट के सारे दुकानदार और भाजपा नेता अमरजीत सिंह अमरी उनके समर्थन में आ गए। जोगिंदर के बेटे हरजोत ने आरोप लगाया कि हत्या के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपित अभी तक पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं। उसका कहना था कि पुलिस आरोपियों को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस दौरान वहां पर लंबा जाम लग गया।
सूचना मिलते ही एसीपी नार्थ सुखजिंदर सिंह और थाना तीन के प्रभारी मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों और उनके समर्थकों को आश्वासन दिया कि सुबह दस बजे तक आरोपित हर हाल में गिरफ्तार होंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस उन तक पहुंच चुकी हुई है। जल्द ही उनकी गिरफ्तारी दिखा दी जाएगी। इसके बाद लोगों ने धरना उठा लिया। बाद दोपहर तक संस्कार करने की तैयारी की जा रही थी।
वीरवार सुबह प्रताप बाग के पास मामूली विवाद के बाद पड़ोसी साइकिल विक्रेता ने नान की रेहड़ी लगाने वाले जोगिंदर के सिर पर रॉड मार दी थी। उसे अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जोगिंदर के बेटे हरजोत ने बताया था कि वो रस्ता मोहल्ला में रहते हैं। कई सालों से प्रताप बाग के पास नान की दुकान चलाते हैं। उनके साथ ही भल्ला साइकिल नाम की दुकान है, जिसे मोता सिंह नगर निवासी मनोहर और का बेटा रमन उर्फ रिंकू चलाते हैं।
बाप-बेटा उसके पिता के साथ सामान रखने को लेकर अक्सर विवाद करते हैं। वीरवार को उस के पिता ने सारा सामान घर से तैयार किया और दुकान पर काम शुरू कर दिया। दुकान पर बाहर सामान रखा हुआ था। उनकी अपनी दुकान है जबकि भल्ला साइकिल वाला किराए पर दुकान चलाता है। उन्होंने बताया कि जब उसके पिता ने अपनी दीवार के ऊपर सामान रखा था तो पड़ोसी मनोहर और रमन आए और अपना सामान रखने की कोशिश में उन्होंने उनकी दुकान का सामान फेंक दिया। उनके पिता ने विरोध किया तो मनोहर और रमन ने गालियां निकालनी शुरू कर दी। इसी बीच मनोहर और रमन ने उनके तंदूर से ही लकड़ी निकाल ली और वहां पर पड़ी एक रॉड उठा कर उसके पिता के सिर पर मार दी। आसपास के लोगों ने उसको फोन किया। लोग उनके पिता को तुरंत अस्पताल ले गए थे, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।