अदालत के आदेश पर बड़ी कार्रवाई, पावरकॉम ने काटे 61 लेदर इंडस्ट्रीज के कनेक्शन Jalandhar News
डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने वीरवार को ही अपने तेवर दिखा दिए थे कि अदालती आदेशों का पालन सौ फीसद किया जाएगा और उसमें कोई राहत नहीं दी जाएगी।
जालंधर, जेएनएन। शहर की लेदर इंडस्ट्री पर आखिरकार शुक्रवार को अदालती आदेशों का चाबुक चल ही गया। पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) ने शुक्रवार को लेदर कांप्लेक्स स्थित 61 लेदर इंडस्ट्रीज के बिजली के कनेक्शन काट दिए। इसकी पुष्टि पावरकॉम के जालंधर सर्कल के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह बंसल ने भी की है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण में विफल रहने पर लताड़ लगाते हुए लेदर इंडस्ट्री यूनिट्स को बंद करने के आदेश जारी किए थे। लेदर इंडस्ट्रीज को तत्काल बंद करने की जिम्मेदारी डिप्टी कमिश्नर एवं पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई थी।
पंजाब लेदर फेडरेशन की तरफ से अदालती आदेश जारी होने के बाद वीरवार को दिनभर राहत लेने के लिए कोशिश की गई। इस संबंध में लेदर व्यवसायियों ने एडिशनल चीफ सेक्टरी विनी महाजन एवं डिप्टी कमिश्नर जालंधर वरिंदर कुमार शर्मा से भी मुलाकात की गई, लेकिन शुक्रवार सुबह हुई पावरकॉम की कार्रवाई से साबित हो गया कि अफसरशाही किसी भी हालत में अदालती आदेशों को नजरअंदाज करने पर सहमत नहीं थी।
डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने वीरवार को ही अपने तेवर दिखा दिए थे कि अदालती आदेशों का पालन सौ फीसद किया जाएगा और उसमें कोई राहत नहीं दी जाएगी। इसी कारण शुक्रवार सुबह एक साथ लेदर इंडस्ट्रीज के बिजली के कनेक्शन काट दिए गए।
पावरकॉम के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरजिंदर सिंह बंसल ने कहा कि लेदर इंडस्ट्रीज के बिजली के कनेक्शन काटे जाने के दौरान मीटर रीडिंग को नोट कर लिया गया है और अगर कोई भी इंडस्ट्री संचालक बिजली कनेक्शन को अवैध तरीके से चलाने की कोशिश करेगा तो तत्काल पकड़ में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि 11 केवी जंपर लगे होने के चलते बिना पावरकॉम के आदेशों के बिजली सप्लाई को दोबारा बहाल कर पाना संभव ही नहीं है। उन्होंने बताया कि पावरकॉम की तरफ से व्यापक स्तर पर की गई उक्त कार्रवाई पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चीफ इंजीनियर के आदेश प्राप्त होने के बाद अमल में लाई गई है।
यह है मामला
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा है। काला संघिया ड्रेन में प्रदूषित पानी जाने से रोकने को लेकर अदालत ने यह फैसला दिया है। साथ ही प्रदूषण बोर्ड व अन्य संबंधित विभागों को इस बात पर जमकर लताड़ लगाई गई थी कि कॉमन एफुलेंट ट्रीटमेंट प्लांट होने के बावजूद भी प्रदूषण नियंत्रित नहीं किया जा रहा है। इसके साथ ही पंजाब सरकार की तरफ से भी पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी माना था कि प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा से ज्यादा हो रहा है। इंडस्ट्री के बिजली के कनेक्शन काट दिए जाने के बाद अब लेदर व्यवसायी अदालत से कानूनी तरीके पर राहत लेने की कवायद में जुट गए हैं और कानूनी माहिरों से इस संबंध में सलाह मशवरा भी कर रहे हैं।
सरकार कोई ऐसा इंतजाम करे कि इंडस्ट्री बंद न हो : भगत
जालंधर : पंजाब भाजपा के उपप्रधान मोहिंदर भगत ने 600 करोड़ के कारोबार वाली लेदर इंडस्ट्री को बंद होने से बचाने के जरूरी कदम उठाने की मांग की है। मोहिंदर भगत ने कहा कि लेदर इंडस्ट्री से हजारों परिवारों का घर चल रहा है। हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए सरकार को भी ऐसे इंताजम करने चाहिए की इंडस्ट्री बंद न हो। पंजाब सरकार ने कोर्ट में लेदर इंडस्ट्री को बचाने के लिए काम नहीं किया। सरकार अभी भी इसे गंभीरता से ले और इंडस्ट्री को बचाए। पंजाब सरकार मामले में कोर्ट जाए और इंडस्ट्री का पक्ष रखे। इसका पूरा खर्च भी सरकार उठाए।