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नए निगम कमिश्नर में दम, लेकिन कार्रवाई हो रही कम

बीते दिनों अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान भी शुरू किया गया है। यह अभियान जोर-शोर से शुरू तो किया गया लेकिन इसने दो घंटे के अंदर ही दम तोड़ दिया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 08:55 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 08:58 AM (IST)
नए निगम कमिश्नर में दम, लेकिन कार्रवाई हो रही कम
नए निगम कमिश्नर में दम, लेकिन कार्रवाई हो रही कम

जालंधर, मनोज त्रिपाठी। नगर निगम जालंधर के नए कमिश्नर करनेश शर्मा को कार्यभार संभाले तीन सप्ताह बीत चुके हैं। शुरुआती दिनों में उन्होंने पहले नगर निगम की कार्यप्रणाली को पूरी तरह समझा और अब सीधा एक्शन में आ गए हैं। हो भी क्यों न, जालंधर को निगम की तरफ से तमाम मामलों में एक्शन चाहिए और लोग काफी सालों से इसका इंतजार भी कर रहे हैं।

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टूटी सड़कों का मामला हो या फिर सड़कों व गलियों से कूड़ा उठाने का, सीवरेज सफाई का मामला हो या शिकायतों का, कमिश्नर ने एक-एक करके सभी पर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसी सिलसिले में बीते दिनों अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान भी शुरू किया गया है। यह अभियान जोर-शोर से शुरू तो किया गया, लेकिन इसने दो घंटे के अंदर ही दम तोड़ दिया। कार्रवाई के नाम पर महज चंद इमारतों को ढहा कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई।

ट्रांसपोर्टरों के अवतार, हमारी सुनो सरकार
पंजाब में कई बड़े ट्रांसपोर्ट घराने हैं। इनमें से ज्यादातर का कहीं न कहीं से सियासी लिंक भी है। कई घराने तो बाकायदा एक्टिव सियासत में हैं और कुछ तो सरकार में भी शामिल हैं। इन्हीं में जालंधर के अवतार भी शामिल हैं। उन्हीं की सरकार है और उनकी अपनी ट्रांसपोर्ट कंपनी भी है। इसके बाद भी कोरोना काल में डूब रहे ट्रांसपोर्ट कारोबारियों की मांगों को सरकार खास तवज्जो नहीं दे रही है।

पहले तो अवतार भी ट्रांसपोर्टरों की मांगों को ठंडे बस्ते में डालकर सियासी दुकानदारी में व्यस्त रहे। फिर कोरोना का कहर उन पर भी टूट पड़ा। सभी समस्याओं से निपटने के बाद फुरसत मिली तो ट्रांसपोर्टरों ने फिर उन्हेंं अपनी मांगों को लेकर नुमाइंदगी सौंप दी। अब तो बेचारे बुरी तरह फंस गए हैं। यही कारण है कि वह बीच का रास्ता निकालने में जुटे हैं ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।

टूटी दो अधिकारियों की चर्चित जोड़ी
बीते दिनों हुए डीसी वरिंदर कुमार शर्मा के तबादले के बाद शहर में चर्चित रही दो अधिकारियों की जोड़ी टूट गई है। दरअसल पूर्व डीसी और पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर में शानदार तालमेल था। पुलिस की बैठक हो या प्रशासनिक बैठक, दोनों अधिकारी एक साथ भाग लेते थे और जरूरी दिशा-निर्देश देते थे। कभी एक लेट हो जाता था तो दूसरा बाकायदा इंतजार करता था।

खास तौर पर कोरोना काल के दौरान प्रेस कांफ्रेंस से लेकर पब्लिक डीलिंग के जितने भी काम हुए, सभी में दोनों अधिकारियों की जोड़ी एक साथ नजर आई। जालंधर के इतिहास में यह पहला मौका था जब प्रशासन व पुलिस के मुखिया में इतना अच्छा तालमेल दिखाई दिया हो। बैठकें तो अभी भी हो रही हैं और खबरनवीसों के साथ अधिकारी मुखातिब भी हो रहे हैं, लेकिन अलग-अलग। देखना यह है कि अब दोनों अधिकारियों के बीच पहले जैसा तालमेल कब बन पाता है।

अब फ्री हुए सरकारी टिकटॉक स्टार
चीन के खिलाफ पूरा देश एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ा हो रहा है। सरकार ने भी इस दिशा में पहलकदमी करके चीनी मोबाइल व विभिन्न प्रकार के 59 एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन यह प्रतिबंध देरी से लगा। हजारों की संख्या में शहरवासी इन एप्स के आदी हो चुके थे। इन्हीं में टिकटॉक भी शामिल है। जब से टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा है, सरकारी दफ्तरों में काम करने वाली सैकड़ों महिला मुलाजिम फ्री हो गई हैं।

इनमें कुछ के हजारों फॉलोअर्स भी थे। दरअसल टिक-टॉक का क्रेज बच्चों के साथ-साथ महिलाओं में भी खूब था। सरकारी दफ्तरों की महिला मुलाजिम भी इसकी चपेट में आ गई थीं और अब वे दूसरे विकल्प की तलाश में हैं। दफ्तरों में ऑनलाइन सर्च भी तेज हो गई है कि कौन-कौन से एप्स को टिक-टॉक की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि अपने फॉलोअर्स को कोई भी स्टार खोना नहीं चाहता।


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