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मकसूदां ब्लास्ट: दर्जनों लोगों से पूछताछ के बाद भी जालंधर पुलिस के हाथ खाली

मकसूदां थाने में 14 सितंबर को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में अभी तक पुलिस के हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो यह बता सके कि उन दोनों ने ही बम फेंके थे।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 01:56 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 01:56 PM (IST)
मकसूदां ब्लास्ट: दर्जनों लोगों से पूछताछ के बाद भी जालंधर पुलिस के हाथ खाली
मकसूदां ब्लास्ट: दर्जनों लोगों से पूछताछ के बाद भी जालंधर पुलिस के हाथ खाली

संवाद सहयोगी, जालंधर: मकसूदां थाने में 14 सितंबर को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में गिरफ्तार किए गए शाहिद कयूम और फाजिल बशीर से रिमांड के दौरान अभी तक पुलिस के हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जो यह बता सके कि उन दोनों ने ही बम फेंके थे। पुलिस दावा कर रही है कि दोनों ने अपने साथियों गाजी और रउफ के साथ मिल कर चार हैंड ग्र्रेनेड फेंके हैं, लेकिन ग्र्रेनेड कहां से लिए, किसने अपने पास रखे, कौन पकड़ा कर गया, इसके बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है। पुलिस यह भी दावा कर रही है कि पकड़े गए युवकों ने काफी कुछ उगला है, लेकिन और किसका नाम सामने आया है यह भी नहीं पता है।

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पांच दिनों के रिमांड के दौरान पुलिस ने करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ की, लेकिन किसी से कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है। जानकारी के मुताबिक सभी बशीर और कयूम को जानते तो थे लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि दोनों क्या करने वाले हैं।

इस मामले में डीसीपी गुरमीत सिंह बताया कि पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में ऐसा कुछ नहीं निकला है जिससे मामला आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने बताया कि गाजी और रउफ के मिलने के बाद ही मकसूदां मामले की सच्चाई सामने आएगी।

यह है मामला

मकसूदां थाने में ब्लास्ट के मामले में पुलिस ने जालंधर के सेंट सोल्जर कालेज में सिविल इंजीनियरिंग कर रहे दो छात्रों 22 वर्षीय शाहिद कयूम और 23 वर्षीय फाजिल बशीर को गिरफ्तार किया था। उनके दो साथी रउफ अहमद उर्फ रउफ और मीर उमर रमजान उर्फ गाजी फरार हैं। जांच में सामने आया था कि कयूम और बशीर करीब दो साल से जालंधर में पढ़ रहे थे। मकसूदां में ही दोनों एक पीजी में रहते थे। दोनों आंतकी संगठन अंसार-गजावत-उल-हिंद के सरगना जाकिर रशीद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा के साथी हैं। मूसा और उसके राइट हैंड आमिर ने ही दोनों को कश्मीर में आतंकी ट्रेनिंग दी थी। वहीं रउफ और मीर कश्मीर में रहते हैं। वारदात से एक दिन पहले 13 सितंबर को रउफ और मीर कश्मीर से हवाई जहाज के जरिए चंडीगढ़ मोहाली में पहुंचे। वहां से बस के जरिए जालंधर में आए और मकसूदां चौक पर दोनों को कयूम और बशीर से मिले। चारों ने मकसूदां के पीजी में एक साथ रात गुजारी। वारदात वाले दिन 14 सितंबर को उन्होंने साढ़े चार से साढ़े पांच बजे तक रेकी की। इसके बाद शाम 7.40 बजे चारों ने चार हैंड ग्रेनेड थाने में फेंके और पटेल चौक के रास्ते सीधा बस स्टैंड पहुंचे।


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