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डिप्टी मर्डर केस में पुलिस ने 13 लोगों को उठाया, जेल कनेक्शन पर टिकी जांच

गाजी गुल्ला में पूर्व पार्षद सुखमीत डिप्टी को गोली मारने के मामले का कनेक्शन जेल से ही जुड़ रहा है। पुलिस की जांच अब जेल में डिप्टी के पुराने जानकारों पर जा टिकी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 05:37 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 05:37 AM (IST)
डिप्टी मर्डर केस में पुलिस ने 13 लोगों को उठाया, जेल कनेक्शन पर टिकी जांच
डिप्टी मर्डर केस में पुलिस ने 13 लोगों को उठाया, जेल कनेक्शन पर टिकी जांच

संवाद सहयोगी, जालंधर : गाजी गुल्ला में पूर्व पार्षद सुखमीत डिप्टी को गोली मारने के मामले का कनेक्शन जेल से ही जुड़ रहा है। पुलिस की जांच अब जेल में डिप्टी के पुराने जानकारों पर जा टिकी है। पुलिस ने हत्या का राजफाश करने के लिए सोमवार को 13 संदिग्ध लोगों को उठाया। जेल से पैरोल पर आए अपराधी भी पुलिस के रडार पर आ गए हैं। पुलिस ने कपूरथला जेल से उन सभी की लिस्ट भी मंगवाई है जो डिप्टी के जेल से आने के बाद या कुछ समय पहले ही पैरोल पर आए। उनके डिप्टी के साथ संबंध भी खंगाले जा रहे हैं।

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उधर पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस को इस मामले में कई अहम सुराग भी मिले। पुलिस को गाड़ी का जो नंबर मिला है वो गलत निकला। वह होशियारपुर के किसी व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है लेकिन उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं निकला। पुलिस ने उससे भी पूछताछ की। डिप्टी के मोबाइल को भी पुलिस ने ट्रेसिग पर लगा दिया है। मोबाइल से कई नंबर पुलिस ने उठाए हैं जिनकी जांच की जा रही है और साथ ही वारदात स्थल के सारे मोबाइल डंप भी उठाए हैं। डिप्टी के कई जानकारों पर भी पुलिस की जांच की सुई टिकी हुई है। इस संबंध में डीसीपी गुरमीत सिंह ने बताया कि संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। गाड़ी को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है और पुलिस टीमें इस पर काम कर रही हैं। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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13 साल के 'जेल' वास के बाद इलाके का अघोषित पार्षद बना हुआ था डिप्टी

फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर सुभाष नंदा के बेटे मिक्की नंदा का अपहरण कर डिप्टी को दोहरी उम्र कैद की सजा हुई थी। जेल में अच्छे आचरण की वजह से 13 साल के बाद बाकी की सजा माफ हो गई। जेल वास पूरा होने के बाद डिप्टी वापस आया तो अपने इलाके का अघोषित पार्षद बना हुआ था। इलाके के लोग उसे प्यार करते थे और अपहरण कांड को भूलकर अपने सारे काम कहते थे। चाहे काम नगर निगम का हो, पुलिस का हो या किसी के घर में कोई दुख सुख हो, डिप्टी को ही लोग बुलाते थे। उसके अंतिम संस्कार के मौके पर शमशानघाट में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। डिप्टी अपने घर के किसी सदस्य को पार्षद बनाने की तैयारी में जुटा था।

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गोली मार कर आरोपित हुए अमृतसर की तरफ फरार

पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया कि आरोपित डिप्टी को गोली मारने के बाद फोकल प्वाइंट, मकसूदां के रास्ते करतारपुर और फिर अमृतसर की तरफ फरार हुए। सीसीटीवी कैमरों की लोकेशन निकलवाते हुए पुलिस की एक टीम उसी तरफ रवाना हुई है। जानकारी के मुताबिक पुलिस के पास कई और भी ऐसे सबूत हैं जिससे पुलिस आरोपितों को जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।

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अंदर का आदमी शामिल, पुलिस को शक रेकी नहीं बल्कि सूचना पर हुई थी हत्या

डिप्टी की हत्या करने वालों ने रेकी नहीं की बल्कि उनको किसी ने सूचना दी थी कि डिप्टी किस समय कहां पर आ जा रहा है। ऐसे में पुलिस का शक उसके किसी अपने जानकार पर भी है और इसकी जांच के लिए भी एक अलग टीम लगा दी गई है।

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घात लगाकर किया हमला, काफी समय तक किया इंतजार

डिप्टी को गोली मारने वाले आरोपितों ने बाहर काफी समय तक इंतजार भी किया था कि डिप्टी किस समय घर से बाहर निकले और वो वारदात को अंजाम दे सकें। घर के पास ही उन्होंने घात लगाई थी। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा चेक करवाए तो उसमें आरोपितों की गाड़ी वहां से निकलते हुए काफी देर तक नजर आए थे।

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रोपड़ से संदिग्धों को उठाया, दिया था हथियार

आरोपितों को प्वाइंट तीस के हथियार देने वालों की जांच में भी पुलिस जुट गई है। बताया जा रहा है रोपड़ से पुलिस ने हथियार देने वालों को भी उठाया है लेकिन पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। पुलिस ने रोपड़ से किसी को भी उठाने की बात से इंकार किया है लेकिन वहां पर हथियारों की डिलीवरी होने की बात कही जा रही है।


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