जग्गा जासूसः भुलक्कड़ हैं बड़े साहब और चोरों से परेशान पुलिस ने अपनाई गांधीगीरी
पिछले एक सप्ताह में पुलिस विभाग से जुड़े कुछ दिलचस्प वाकयों हमने आपके लिए जुटाया है जग्गा जासूस कालम के तहत। आइए डालते हैं एक नजर।
जालंधर, जेएनएन। जिले के पुलिस विभाग की बड़ी खबरें तो लोगों तक पहुंच जाती हैं लेकिन कुछ चर्चित किस्से उन तक नहीं पहुंच पाते हैं। पिछले एक सप्ताह में पुलिस विभाग से जुड़े कुछ दिलचस्प वाकयों को अपने चुटीले अंदाज में प्रस्तुत कर रहे हैं हमारे रिपोर्टर सुक्रांत। आइए, डालते हैं एक नजर।
बेटे गल्ल सुणीं जरा...
पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में दूसरे नंबर पर तैनात एक बड़े साहब इतने भुलक्कड़ है कि उन्हें अक्सर साथी अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम याद नहीं रहते। हाल में पुलिस ने एक बड़ा मामला सुलझाया तो साहब ने प्रेस कांफ्रेस बुलाने का आदेश दिया। पत्रकार वार्ता शुरु हुई तो उन्हें कुछ डाटा चाहिए था। फिर क्या था साहब को अपने अधीन काम करने वाले मुलाजिम का नाम ही याद न आया। उन्होंने तरकीब निकाली और एक मुलाजिम की तरफ इशारा करके बोले, ‘बेटे गल्ल सुणीं जरा’। लेकिन मुलाजिम का ध्यान कहीं और था और उसने बात को अनसुना कर दिया। ऐसे में वे अपने साथ बैठे अधिकारी से बोले ‘आपणो थाने दा ही मुलाजिम ए न, की नां वे ऐदा’। जब साथी अधिकारी ने नाम बताया तो बोले अच्छा ए है।
चोरों से परेशान पुलिस की गांधीगीरी
शहर के अति व्यस्त ज्योति चौक चौराहे पर आए दिन कोई न कोई एनआरआइ महिला चोरों का शिकार बनती रहती है। कभी पर्स चोरी हो जाता है तो कभी पर्स में से सामान। कई बार सीसीटीवी कैमरे में भी महिलाओं के पर्स से सामान चोरी करते लोग, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, कैद तो हुए पर पकड़े नहीं गए। अब पुलिस बेचारी क्या करे, मामला दर्ज कर सिर्फ जांच कर सकती है लेकिन आम लोगों में शामिल चोरों को कैसे ढूंढे। ऐसे में इस चौराहे पर खड़े पुलिस मुलाजिमों ने गांधीगीरी का एक नया फंडा इजाद किया है। मुलाजिम चौराहे से निकलने वाली महिलाओं, खासकर एनआरआइ महिलाओं को रोक-रोक कर समझाने में लगे हैं कि 'जनानियां कोलों बच के चलो, आपणा पर्स बचाओ, कोई संदिग्ध लगदा ए तां पुलस नूं दस्सो। जे कोई सामान गुम हुंदा तां 100 नंबर ते फोन करो जी’।
पकड़ी गई पुलिस की चोरी...
शहर में ट्रैफिक पुलिस ने बड़ी मुहिम शुरू कर रखी है। इसमें वाहन चालकों को सड़क सुरक्षा के बारे में बताया जा रहा है। मुहिम के पहले दिन शहर के बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ-साथ इसमें कई बड़ी हस्तियों ने भी शिरकत की। शहर के बीचों बीच करवाए जा रहे इस कार्यक्रम में लोगों को कई तरह के संदेश दिए जा रहे थे। इसी दौरान वहां नजर पड़ी कि पुलिस के इस समागम में माइक से लेकर लाइटें इत्यादि सब चोरी की बिजली से चल रहे हैं। कुछ देर बाद जब बिजली चोरी का मामला पुलिस के बड़े अधिकारी की नजर में आया तो आनन-फानन में कार्यक्रम खत्म करवाया गया। इसके बाद बड़े साहब वहां से निकल गए लेकिन जाते-जाते छोटे अधिकारियों को खूब डांट पिलाई।
एसीपी साहब का दिल पसीज गया...
पिछले दिनों कब्जा हटाओ मुहिम शुरू हुई तो शहर के कई इलाकों में निगम प्रशासन के साथ पुलिस ने कब्जे हटाए। शहर के बीच स्थित संकरी गलियों वाले सबसे व्यस्त रैनक बाजार समेत अन्य तंग बाजारों से भी कब्जे हटाए गए। इस दौरान ज्योति चौक चौराहे के पास लगने वाले संडे बाजार को भी हटाने का फैसला लिया गया। आखिर इस फैसले पर अमल करने की घड़ी आ गई। पुलिस पूरे लाव लश्कर के साथ मौके पर पहुंची और सड़कों पर दुकान सजाने वालों को हटाना शुरू कर दिया। इस दौरान जब फड़ी वालों ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि अब सड़कों पर संडे मार्केट नहीं लगने दी जाएगी। उन्होंने पुलिस अफसरों से कहा कि उनका सामान खराब हो जाएगा। ऐसे में वहां पर खड़े एसीपी हरसिमरत सिंह का दिल पसीज गया और अपने से बड़े साहब से कहा ऐ हफ्ता रैहण दियो, बेचारे फस जाणगे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने आगे से रेहड़ी-फड़ी नहीं लगाने के आदेश दिए और टीम बिना कार्रवाई के वहां से लौट गई।
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