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डिपो से रिटेल आउटलेट तक ढुलाई में डीलर्स का निकल रहा 'तेल'

तेल की ढुलाई डीलर्स के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 12:51 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 12:51 AM (IST)
डिपो से रिटेल आउटलेट तक ढुलाई में डीलर्स का निकल रहा 'तेल'
डिपो से रिटेल आउटलेट तक ढुलाई में डीलर्स का निकल रहा 'तेल'

मनुपाल शर्मा, जालंधर

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डिपो से रिटेल आउटलेट तक पेट्रोल और डीजल की टैंकर्स (ट्रकों) के जरिए होने वाली ढुलाई पेट्रोलियम डीलर्स के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। कई बार रिटेल आउटलेट पर तेल देने पहुंचे ट्रक में से 15 से 30 लीटर तक तेल कम निकलता है, जिसका नुकसान संबंधित कंपनी की बजाय डीलर को खुद झेलना पड़ रहा है। कंपनियां अपने ट्रक में पहुंचाए गए माल के मुताबिक पैसे चार्ज करती हैं और डीलर के टैंक में पहुंचे माल के मुताबिक कैलकुलेशन नहीं करती हैं।

पेट्रोलियम डीलर्स का दर्द यह है कि वह तो इलेक्ट्रॉनिक तरीके से तेल की बिक्री ग्राहकों को करते हैं, लेकिन जब वह कंपनी से माल खरीदते हैं तो उसमें पुराने परंपरागत डिप स्टिक से ही तेल मापा जाता है, जो 100 फीसद सही नहीं होता है।

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन (पीपीडीए), पंजाब के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि उनके खुद के पेट्रोल पंप पर ट्रक से पहुंची सप्लाई में से 15 से 30 लीटर तक माल कम निकलता है। कंपनी मात्र उस तेल की भरपाई करती है, जो टैंकर में कम होता है। एक बार जब टैंकर से माल पेट्रोल पंप के अंडरग्राउंड टैंक में चला जाता है तो वहां तेल की मात्रा घटने बढ़ने की जिम्मेदारी कंपनी नहीं लेती है। मोंटी ने कहा कि जब रिटेल आउटलेट पर डिपो से ट्रक पहुंचता है तो एक स्टिक को, (जिसके ऊपर लीटर की गणना लिखी होते हैं) टैंक में डाला जाता है और उसी के मुताबिक तेल की मात्रा तय कर ली जाती है। हालांकि जब उसी माल को रिटेल आउटलेट के अंडरग्राउंड टैंक में डाला जाता है तो वहां लगा इलेक्ट्रॉनिक माप यंत्र लीटर्स में अंतर बता देता है, लेकिन कंपनी इस अंतर को वहन नहीं करती है। मोंटी ने कहा कि वह डिपो से रिटेल आउटलेट्स तक माल पहुंचाने वाले ट्रकों में फ्लो मीटर लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ऑयल मार्केटिग कंपनीज (ओएमसी) डीलर्स की इस मांग को नजरअंदाज कर रही हैं।

हालांकि इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड आईओसीएल के डीजीएम अतुल गुप्ता डीलर्स के इस दावे से सहमत नहीं हैं। अतुल ने कहा कि कम से कम आईओसी डिपो तो इस समय स्मार्ट डिपो बन चुका है, जहां कोई मैनुअल इंटरफेरेंस बाकी नहीं बची है। डिपो में फ्लोमीटर्स लगे हैं और स्मार्ट कार्ड स्वैप करने के बाद ही उतनी मात्रा में तेल टैंकर में भरा जाता है। रास्ते में तेल की चोरी न हो इसके लिए उसके ऊपर एक अतिरिक्त सील भी लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में जीपीएस आधारित लॉकिग सिस्टम ट्रकों में लगाया जा रहा है, जो संबंधित रिटेल आउटलेट के कोऑर्डिनेट के मुताबिक वहां पहुंचकर ही ट्रक के लॉक को खोलेगा। इस कारण चोरी की कोई संभावना ही नहीं रहेगी। ट्रकों में फ्लो मीटर लगाए जाने की मांग के बारे में अतुल गुप्ता ने कहा कि उसके लिए प्रत्येक ट्रक में अलग से तकनीकी तौर पर व्यवस्था करनी पड़ेगी, मोटर लगानी पड़ेगी, इस सारे खर्च का वहन भी तो आखिर डीलर्स को ही करना होगा।


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