अजब-गजबः डॉगी निगल गया मालकिन के डायमंड टॉप्स, 26 घंटे बाद पॉटी में मिले
पहले घरवाले यह समझते रहे कि गहने चोरी हो गए हैं। जब काफी पड़ताल के बाद भी टॉप्स नहीं मिले तो डॉगी पर शक हुआ। एक्स-रे में पता चला कि डॉगी ने ही डायमंड टॉप्स निगले हैं।
जालंधर [भावना पुरी]। यहां की कालिया कॉलोनी में अनोखी घटना सामने आई है। एक घर का पालतू डॉगी 'स्काई' अनजाने में अपनी मालकिन के डायमंड टॉप्स निगल गया। पहले घरवाले यह समझते रहे कि गहने चोरी हो गए हैं। जब काफी पड़ताल के बाद भी टॉप्स नहीं मिले तो डॉगी पर शक हुआ। वे उसे लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। एक्स-रे में पता चला कि डॉगी ने ही डायमंड टॉप्स निगले हैं। इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर स्काई के कारोबारी मालिक उसकी पॉटी चेक करते रहे। आखिरकार 26 घंटे बाद 2 मार्च की सुबह टॉप्स पॉटी के साथ बाहर निकल आए।
नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर डॉगी के मालिक ने बताया कि उनका डेढ़ वर्षीय पेट पमेरियन डॉग स्काई ने डायमंड के टॉप्स 28 फरवरी की दोपहर को निगल लिए थे जो बाद में उन्हें सही-सलामत मिल गए। उनकी पत्नी ने बताया कि उस दिन दोपहर 2.15 बजे वह अपने टॉप्स बेड पर रखकर सो गईं थीं। करीब डेढ़ घंटे बाद स्काई के भौंकने की आवाज सुनकर उठीं तो देखा कि उनके टॉप्स गायब थे। उस समय वहां घर का कोई ओर सदस्य मौजूद नहीं था, न ही नौकर घर में थे। पूरा घर ढूंढऩे के बाद टॉप्स नहीं मिले। बेटी जब कॉलेज से लौटी तो उसका शक सीधा 'स्काई' पर गया। वह उसे पास स्थित गुरु अमरदास नगर में डॉग क्लीनिक ले गई। डॉक्टर ने एक्स-रे किया तो शक यकीन में बदल गया। डॉगी के पेट में चार धातु की चीजें साफ नजर आई। डॉक्टर ने ऑपरेशन करवाने का विकल्प दिया। साथ ही डॉगी को लूज मोशन का सीरप दिया और इंजेक्शन लगाया।
ऑपरेशन करने से पहले ही बाहर निकले टॉप्स
परिवार ने शाम को क्लीनिक से लौटकर दोस्तों और रिश्तेदारों से सलाह की। 2 मार्च की सुबह मॉडल टाउन स्थित वेटनरी डॉक्टर से 7 बजे का ऑपरेशन के लिए समय भी तय कर लिया। उनकी बेटी ने बताया कि उन्हें बिना ऑपरेशन करवाए उम्मीद की किरण तब नजर आई जब 1 मार्च की दोपहर को नौकर ने पोटी में एक टॉप्स देखा। एक टॉप्स देखते ही वह खुद दोबारा एक्सरे के लिए स्काई को लेकर पहुंची। इस बार एक्स-रे में सबकुछ साफ था। घर आकर नौकर ने दोबारा उसकी पॉटी चेक की तो दूसरा टॉप्स व सोने की कोलियां भी मिल गईं।
क्यूट और बेहद शरारती है 'स्काई'
कारोबारी ने बताया कि डेढ़ साल पहले नौ दिन के स्काई को वह घर लेकर आए थे। आज वह उनके परिवार का हिस्सा है। वह उनके बेटा, बेटी व अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ खूब मस्ती करता है। वह जितना क्यूट दिखता है उतना ही शरारती भी है। उन्होंने कहा कि इसी कारण वह उसे बाहर लेकर नहीं जाते हैं। घर में उसका छोटा सा हाउस और टॉयलेट पॉट बनाया है। छत पर वह उसे खुला भी छोड़ देते हैं। कई दिन के लिए बाहर जाना हो तो वह उसे साथ लेकर ही जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्काई सिर्फ सलाद, दूध, फ्रूट्स और रोटी खाता है।
कुत्ते को इंजेक्शन लगाकर सीरप दिया
गुरु अमरदास कॉलोनी के पेट क्लीनिक के मनोज कुमार ने बताया कि कालिया कॉलोनी से पमेरियन पेट स्काई को लेकर फैमिली मेंबर उनके पास आए थे। एक्स-रे करवाने पर पता चला कि उसके पेट में डायमंड टॉप्स हैं। इसके बाद कुत्ते को इंजेक्शन लगाने के बाद सीरप दिया गया और पॉटी के रास्ते टॉप्स निकलने के लिए इंतजार करने की बात कही गई। दोबारा एक्स-रे में कोई चीज नजर नहीं आई।
ऐसे मामले हैं आम: डॉ. बेदी
पशु चकित्सक डॉ जीएस बेदी ने बताया कि छोटे पालतु कुत्ते छोटी खासकर गोल चीजों को देख निगल जाते हैं। कई बार ऐसी चीजों की वजह से कुत्तों की तबीयत भी बिगड़ जाती है। 5 से 7 महीने के कुत्तों के जब दांत निकलते हैं तो उन्हें बेचैनी होती है। वह सामने पड़ी चीजों को चबाने की कोशिश करते हैं और रबड़, प्लास्टिक, लोहे व सीमेंट की चीजें खाना शुरू कर देते हैं। इससे पहले कुत्ते द्वारा बच्चों की दूध की बोतल की निप्पल, खिलौने, छोटी चाबी और गले की चेन निगलने के मामले सामने आ चुके हैं। ज्यादातर मामलों में ऐसी चीजें डॉगी को केला और देसी घी खिलाकर टॉयलेट के जरिये बाहर निकाली जाती हैं। स्थिति बिगडऩे पर ऑपरेशन जरूरी हो जाता है।