प्यार से रखें अपने पेट डॉग्स का ख्याल, ये हैं आपके सबसे अच्छे साथी
असिस्टेंट प्रोफेसर मनोरमा ने बताया कि उसके पास लेब्रा क्रॉस ब्रीड डॉग है। देखने में खतरनाक है लेकिन उसकी मासूमियत ने पूरे परिवार का दिल जीत लिया है।
जालंधर [भावना पुरी]। पेट्स से हर किसी को बेहद प्यार होता है। खास तौर पर डॉग या पप्पी से। जालंधर में भी बहुत से लोग सिक्योरिटी और शौक में डॉग पालते हैं लेकिन जल्द वे डॉग के अच्छे दोस्त बन जाते हैं और लगाव के कारण अपने पेट का खास ख्याल रखते हैं। डॉग्स न सिर्फ घर की सुरक्षा करते हैं, आपका दिल बहलाते हैं बल्कि वह आपकी सेहत के लिए भी अच्छे साबित होते हैं। उनके साथ खेलने, कडलिंग करने और उनका ध्यान रखने से अकेलापन भी दूर होता है। कई बार हम भूल जाते हैं कि डॉग को भी अपने मालिक के समय के साथ केयर की जरूरत होती है। केयर के लिए लोग डॉक्टर्स से संपर्क तो साध लेते हैं लेकिन पेट की सुरक्षा नजरअंदाज कर देते हैं।
फूड के साथ डॉग की हेल्थकेयर भी जरूरी
डॉग के खाने-पीने का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है। डॉग्स को ब्रीड और उसकी उम्र के हिसाब से फीड करना होता है। आजकल मार्केट में डॉग के लिए अलग से दूध और स्पेशल फूड मौजूद है। लोग अपने लाइफस्टाइल के हिसाब से भी डॉग्स को फीड देते हैं। नॉन वेजेटेरियन डॉग्स को नॉन वेज खिलाते हैं और वेजेटेरियन लोग स्पेशल फूड के अलावा अंडे खिलाते हैं। इसके अलावा डॉग के खाने के बर्तन, कंघी, ब्रश जैसी चीजों की सफाई भी जरूरी होती है। डॉग को नियमित रूप से डॉक्टर को दिखाना चाहिए ताकि वह स्वस्थ रहे। डॉग को ठंड से बचाने तथा रेस्ट के लिए अलग से डॉग हाउस भी बनाना जरूरी होता है।
सुरक्षा की जानकारी के साथ एसेसरी उपलब्ध करवाती है डिजीटल दुनिया
अच्छा खाना पीना देकर हम पालतु कुत्तों की हेल्थ केयर तो करते हैं लेकिन उनकी सुरक्षा की जानकारी का कोई खास जरिया न मिलने की वजह से उन्हें नजरअंदाज भी कर देते हैं। सर्दी, गर्मी व बारिश में कुत्तों को बीमािरयों से बचाने के लिए डॉग हाउस अॉनलाइन मिल जाते हैं। इसके अलावा उनके लिए खास गर्म कपड़े, कंबल और वॉटर प्रूफ शीट्स भी उपब्ध हैं। उनके गले में बांधा जाने वाला पट्टी भी अॉनलाइन व मार्केट में हार्ड की बजाए सॉफ्ट हो गया है। स्पाइक्ड रबड़, प्रेसेड बॉन, स्कार्फ, डॉग ट्रेनिंग बुक्स, सीटिंग और स्लीपिंग बेड जैसी चीजें डिजीटल वर्ल्ड में आसानी से मिल जाती हैं। इसके अलावा एप्स में भी डॉग्स केयर और उनकी सुरक्षा की जानकारियां उपलब्ध हैं।
लोगों को एक्टिव बनाता है पेट
पेट डॉग न केवल आपकी सुरक्षा करता है बल्कि वह आपकी सेहत का भी जाने-अंजाने ख्याल रखता है। डॉग की भागदौड़ के कारण लोग भी एक्टिव होते हैं। उनको टहलाने और भागदौड़ के बीच आपका वजन घटता है। डॉग्स के कारण लोगों का सोशल सर्कल भी अच्छा होता है और उनका तनाव दूर होता है। पेट्स लोगों के बुढ़ापे का अच्छा सहारा बनते हैं। अखबार, रिमोट, पिलो जैसी चीजें मालिक को थमाना अच्छी ब्रीड के कुत्तों को काफी अच्छी तरह से आता है।
इन स्टूडेंट्स को अपने पेट डॉग से है बेहद प्यार
स्टूडेंट इंद्रप्रीत कौर ने बताया कि उसके पास पमेरियन डॉग है जिसका वह हमेशा ख्याल रखती है। उनका डॉग हमेशा उसके साथ खेलता है। वह खुद उसे नहलाती है, खाना खिलाती है, घुमाने लेकर जाती है और एक्सरसाइज भी करवाती है। इंद्रप्रीत ने बताया कि डॉग्स को मीठा और नमक कम खिलाना चाहिए। इसके अलावा डॉग को सोया, चाय, चॉकलेट, किशमिश, प्याज और लहसुन बिल्कुल नहीं खिलाना चाहिए। इससे उसे डायरिया, उलटी, दर्द आदि की शिकायत हो सकती है।
अपने पेट के साथ स्टूडेंट इंद्रप्रीत कौर। इसे वह खुद ही नहलाती हैं, उसकी केयर करती हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर मनोरमा ने बताया कि उसके पास लेब्रा क्रॉस ब्रीड डॉग है। देखने में खतरनाक है लेकिन उसकी मासूमियत ने पूरे परिवार का दिल जीत लिया है। मनोरमा ने बताया कि डॉग की जरूरतें हमसे अलग होती हैं। उसके लिए एनिमल प्रोटीन बेहद जरूरी है, जो हमारे खाने में नहीं होता। इसके लिए बेहतर है कि डॉग को नॉन-वेज खिलाएं। अगर मीट नहीं खिलाना चाहते तो अंडा और डॉग फूड जरूर देना चाहिए। इसके अलावा सॉफ्ट पट्टा इस्तेमाल में लाना चाहिए।
इन बातों को ध्यान में रखकर खरीदें डॉग
शौक के लिए आयरिस सेटर, पूडल, मिनटन, शिहत्जू, चिवावा, पग जैसे टॉय डॉग पाल सकते हैं। बॉक्सर, लेब्राडोर, पग, बीगल, लासा, डालमेशंस बच्चों के लिए बेहद सॉफ्ट रहते हैं। जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर अकेलेपन को दूर करने के लिए सबसे बेहतर है। ये डॉग केयरिंग होने के साथ-साथ सिक्योरिटी के मामले में भी ठीक है। वॉच डॉग डोरबेल की तरह होता है। यह खतरा आने पर मालिक को सिर्फ अलर्ट करता है। पॉमेरेनियन, पग, लासा, बीगल, लेब्राडोर आदि इसी कैटिगरी में आते हैं। जर्मन शेफर्ड, मैसटिफ्स, बुलटेरियर, बुल मेस्टिफ, स्पॉटी, सेंट बर्नार्ड आदि गार्ड डॉग कैटिगरी में आते हैं। अपनी आर्थिकी स्थिति को देखकर भी डॉग का चुनाव करना चाहिए।