सिफारिश है तभी बनेगा कर्फ्यू पास, वरना एसडीएम दफ्तर न आएं
शुरूआत में थोक के हिसाब से कर्फ्यू पास जारी करने वाले प्रशासन ने अब इस पर ऐसी सख्ती कर दी है।
जागरण संवाददाता, जालंधर: थोक के हिसाब से कर्फ्यू पास जारी करने वाले प्रशासन ने अब इस पर ऐसी सख्ती कर दी है कि सिर्फ उन्हीं लोगों के एसडीएम दफ्तर से पास बनाए जा रहे हैं, जिनकी किसी उच्च अधिकारी या रसूखदार से सिफारिश है। इसका नजारा शनिवार को एसडीएम वन के दफ्तर में देखने को मिला। जहां एक व्यक्ति पास के लिए परेशान हो रहा था।
पुलिसकर्मियों के रोकने पर उसने कहा कि एक एसएसपी से उसने सिफारिश कराई है, इसलिए उसका पास बनाया जाए। डीसी दफ्तर के सुरक्षाकर्मी उससे बहस करते रहे, लेकिन तभी एसडीएम दफ्तर का कर्मचारी वहां पहुंचा और उसे एसडीएम दफ्तर ले गया। वहां उसने उक्त व्यक्ति को फॉर्म दिया और उसका पास बनाकर दे दिया।
इस दौरान पास के लिए पहुंचे बाहर खड़े लोग बेबसी से इंतजार में ही लगे रहे क्योंकि उनके पास कोई सिफारिश नहीं थी और पुलिस वाले उन्हें अंदर एसडीएम दफ्तर में नहीं जाने दे रहे थे। - ऑनलाइन आवेदन का जवाब नहीं
पंजाब की कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार और जिला प्रशासन ने दावा किया था कि लोग ऑनलाइन पास के लिए आवेदन करें, इसके लिए द्धह्लह्लश्चह्य://द्गश्चड्डह्यह्यष्श्र1द्बस्त्र19.श्चड्डद्बह्य.ठ्ठद्गह्ल.द्बठ्ठ/ वेबसाइट दी गई है। शुरूआत में वेबसाइट के जरिए लोगों को पास मिलते रहे लेकिन अब आवेदन करने के चार-पांच दिन तक कोई जवाब ही नहीं दिया जा रहा। कर्फ्यू पास बनेगा या नहीं, यह तक नहीं बताया जाता। डीसी वरिदर शर्मा ने दावा किया था कि इसके लिए अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन इन आवेदनों का निपटारा न होने पर वह अधिकारी क्या कर रहे हैं, यह तो उन्हें या फिर कोरोना के खिलाफ जंग की अगुआई कर रहे डिप्टी कमिश्नर को ही पता होगा। किसी की बेटी परेशानी में, किसी को अस्थि प्रवाह करना
एसडीएम दफ्तर पहुंचे मलकीत सिंह ने कहा कि उनकी बेटी हरियाणा के गुरुग्राम में रहती है। अभी तक तो दिन काट रहे थे लेकिन अब बेटी परेशान है और वो उसे वापस घर लाना चाहते हैं, लेकिनं कर्फ्यू पास नहीं बन रहा। यही परेशानी सिमरजीत सिंह ने बताई कि उनकी बहन चंडीगढ़ में है। वहां पीजी में रहती थी, अब वहां से हम उसे लाना चाहते हैं लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही।
ऑनलाइन आवेदन किए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। रेशम ने कहा कि उनके परिवार में किसी का निधन हो गया है, उन्हें अस्थि प्रवाहित करने जाना है लेकिन पास का न कोई इंतजाम है और न कोई कुछ बताने वाला है। पुलिस वाले गेट से अंदर नहीं जाने दे रहे। बड़ी मुश्किल से कई नाकों पर पुलिस वालों को हाथ जोड़-जोड़कर यहां पहुंचे हैं। समाजसेवी संगठनों को भी आई दिक्कत
मुश्किल घड़ी में कई समाजसेवी संगठन ऐसे भी हैं, जो उनसे जुड़े परिवारों की मदद करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें कर्फ्यू पास नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने पहले अपने चहेतों को थोक में पास बांट दिए और अब सड़कों पर उन्हीं की भीड़ नजर आती है लेकिन जो लोग असल में सेवा करना चाहते थे, उनको कर्फ्यू पास नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में एसडीएम जयइंदर सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।