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Handicraft Expo: नारियल के रेशों से बने उत्पादों का कमाल, घर दिखेगा बेमिसाल Jalandhar News

नारियल के रेशों से बना क्रिकेट का मैट भी उपलब्ध है। इन उत्पादों को छह महीने पानी में रखकर बनाया जाता है। इससे आगे इनमें पानी का असर नहीं होता।

By Sat PaulEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 01:32 PM (IST)Updated: Sun, 29 Dec 2019 09:02 AM (IST)
Handicraft Expo: नारियल के रेशों से बने उत्पादों का कमाल, घर दिखेगा बेमिसाल Jalandhar News
Handicraft Expo: नारियल के रेशों से बने उत्पादों का कमाल, घर दिखेगा बेमिसाल Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। आकर्षक डिजाइन, खूबसूरती और पर्यावरण हितैषी। नारियल के रेशों से बने उत्पाद आपके घर को बेमिसाल बना देंगे। घर के पायदान से लेकर मैटिंग, जिमनास्टिक मैट, तकिए, गमले, पक्षियों के घोंसले तक उपलब्ध हैं। यही वजह है कि नारियल के रेशों से बने उत्पाद आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। यह उत्पाद देशभगत यादगार हाल में हैंडीक्राफ्ट एक्सपो-2019 में लाए गए हैं।

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श्री हरे कृष्णा एजुकेशनल एवं वेलफेयर सोसायटी ने यह एक्सपो लगाई है। इसमें केरल में बने नारियल के रेशों से उत्पादक लाए गए हैं। यहां केंद्र सरकार के कॉयर बोर्ड ने इसका स्टॉल लगाया है। चंडीगढ़ से पहुंची कॉयर बोर्ड की मैनेजर मनजीत कौर ने कहा कि उनके ये उत्पाद केरल में बनाए गए हैं और फिर इन्हें आगे बेचा जाता है।

इसमें कमरों, सीढिय़ों, बरामदों को सजाने के साथ दीवार से दीवार ढकने के लिए भी कॉयर मैट उपलब्ध हैं। नारियल के रेशों से बना क्रिकेट का मैट भी उपलब्ध है। इन उत्पादों को छह महीने पानी में रखकर बनाया जाता है। इससे आगे इनमें पानी का असर नहीं होता। अगर भविष्य में इनका इस्तेमाल नहीं करना है तो मिट्टी में डालने पर यह खुद ब खुद जैविक तरीके से ही नष्ट हो जाता है।

सोसायटी की प्रेसीडेंट सोनिया ने कहा कि एक्सपो सुबह दस बजे शुरू हो जता है। इसमें फ्री एंट्री है और यह 29 दिसंबर तक चलेगा। यहां पर पंजाब, राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों से भी हाथ से बनी चीजें बेचने के लिए स्वयं सहायता समूह पहुंचे हुए हैं।

ऑर्गेनिक हल्दी, मिर्च, करेला व लहसुन पाउडर भी उपलब्ध

एक्सपो में लुधियाना से जीत फाउंडेशन भी अपने जैविक उत्पाद लेकर पहुंचा है। फाउंडेशन की अध्यक्ष सुखविंदर कौर ने कहा कि उनके पास हल्दी, मिर्च, अदरक, करेला, लहसुन आदि का पाउडर है। यह सभी जैविक हैं। वो उन्हें खुद उगाते हैं या फिर सीधे किसान से खरीदते हैं। फिर पंजाब एग्रो की तरफ से प्रमाणित किए गए हैं। इन्हें उगाने से लेकर पाउडर बनाने तक पंजाब एग्रीकल्चर यूनीवर्सिटी लुधियाना के दिशानिर्देश पर काम होता है। बाजार में जो हल्दी 400 रुपये किलो मिलती है, वो उनके पास सिर्फ 200 रुपये प्रति किलो में उपलब्ध है। हाल ही में पंजाब एग्रो ने भी उनसे दस क्विंटल हल्दी खरीदी थी।

गिफ्ट की तारीफ हुई तो शुरू किया चॉकलेट का कारोबार

दिल्ली से पहुंची कल्पना वर्मा ने बताया कि वे अक्सर बाजार से बच्चों के लिए चॉकलेट लाते थे। यह महंगी तो होती ही थी, साथ में उसकी शुद्धता को लेकर भी शंकाएं होती थी। यही सोच घर में ही चॉकलेट बनानी शुरू कर दी। खुद इसकी शुद्धता व स्वाद जांचने के बजाय करीबियों को गिफ्ट देने शुरू कर दिए। उन्होंने तारीफ की तो फिर इनकी खुले में बिक्री शुरू कर दी। अब वे 20 तरह के चॉकलेट खुद बनाती हैं। यह चॉकलेट एगलेस हैं। इसके अलावा वे शुगर फ्री चॉकलेट भी बना रही हैं।

महिलाओं को भा रहा पाकिस्तानी सूट

देश भगत यादगार हाल में हैंडीक्राफ्ट एक्सपो में चंडीगढ़ से अमन पाकिस्तानी सूट लेकर पहुंची हैं। अमन का कहना है कि यह सूट वाघा बॉर्डर के जरिये आए हैं। इनकी कीमत भी बाजार के मुकाबले कम है। पाकिस्तानी सूट आठ सौ लेकर ढ़ाई हजार तक उपलब्ध हैं। इस एक्सपो में पहुंची महिलाओं को यह सूट खूब पसंद आ रहे हैं।

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