Civil Hospital: स्टाफ रखने की बजाय 24 लाख से बने शौचालय को लगा दिया ताला Jalandhar News
सिविल अस्पताल में मरीजों व उनके परिजनों को शौचालय जाने के लिए भटकना पड़ता है। ओपीडी कांपलेक्स में केवल एक ही शौचालय है जिसकी भी हालत खराब है।
जालंधर, जेएनएन। शहीद बाबू लाभ सिंह सिविल अस्पताल में लोगों को सार्वजिनक शौचालय को लेकर परेशानियों से जूझना पड़ रहा हैं। साढ़े चार साल पहले 24 लाख रुपये की लागत से बने शौचालय में अस्पताल प्रशासन ने ताला लगा दिया है। अस्पताल प्रशासन सफाई कर्मियों की कमी बता कर पल्ला झाड़ रहा है। साल 2014 में सिविल अस्पताल में सार्वजिनक शौचालय की समस्या थी। राज्य सभा सांसद नरेश गुजराल के पास समस्या पहुंची तो उन्होंने 24 लाख रुपये एमपी लैड फंड शौचालय के निर्माण के लिए जारी किया। सिविल सर्जन डॉ. आरएल बस्सन के कार्यकाल में 29 जुलाई 2015 शौचालय बनकर तैयार हुए। इसके कुछ माह तक ही शौचालय की सेवाएं चलीं। अब शौचालय को ताला लगा दिया गया है।
सिविल अस्पताल में मरीजों व उनके परिजनों को शौचालय जाने के लिए भटकना पड़ता है। ओपीडी कांपलेक्स में केवल एक ही शौचालय है, जिसकी भी हालत खराब है। अस्पताल में रोजाना 2500 के करीब मरीज व उनके परिजन पहुंचते हैं। करीब 500 लोग सांझी रसोई में खाना काने के लिए आ रहे है और रोजाना 350 के करीब लोग निजी स्तर पर अस्पताल की पार्किंग का इस्तेमाल करने के लिए पहुंच रहे हैं।
सिविल अस्पताल में इलाज के लिए बस्ती बावा खेल से आए रोशन लाल ने बताया कि उन्हें प्रोस्टेट की समस्या है और शौचालय जाने के लिए काफी भटकना पड़ा। लोगों की समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन गंभीर नही है। शहीद बाबू लाभ सिंह ट्रस्ट के सचिव सुरिंदर सैनी का कहना है कि अस्पताल आने वाले लोग शौचालय इस्तेमाल नही कर पा रहे है। सिविल अस्पताल प्रशासन को कई बार अवगत करवाया, पंरतु स्टाफ की कमी का हवाला देकर पल्ला झाड़ देते है। इस मामले को जिला हेल्थ कमेटी की बैठक में रखा जाएगा।
शौचालय के रख रखाव के लिए नहीं कर्मी
सिविल अस्पताल की मेडिकल सुपरिंटेंडेंट मनदीप कौर का कहना है कि सिविल अस्पताल में सफाई कर्मियों की खासी कमी है। शौचालय के रख रखाव के लिए स्टाफ की किल्लत है। इस विषय पर गौर कर जल्द ही शुरू करने की व्यवस्था का प्रयास किया जाएगा।
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