बाहर से आए लोग नहीं हो रहे Online, मोबाइल पर लोकेशन-इंटरनेट बंद कर तोड़ रहे Quarantine
पंजाब में होम क्वारंटाइन किए गए लोग कभी मोबाइल की लोकेशन बंद कर देते हैं तो कभी इंटरनेट। कई तो अपना मोबाइल ही स्विच ऑफ करके बाहर घूम रहे हैं।
जालंधर [मनीष शर्मा]। कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच होम क्वारंटाइन में रह रहे लोगों ने बाहर घूमने का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जिला प्रशासन इनकी निगरानी कोवा एप के जरिये कर रही है। जो तभी संभव है, जब एप वाले मोबाइल की लोकेशन ऑन हो व इंटरनेट चालू हो और मोबाइल स्विच ऑफ न हो। अब पता चला है कि कुछ लोगों ने इसका तोड़ निकाल लिया है। वो कभी मोबाइल की लोकेशन बंद कर देते हैं, तो कभी इंटरनेट बंद कर देते हैं। कई तो अपना मोबाइल ही स्विच ऑफ कर देते हैं।
यही वजह है कि जिले में पहले ही कोरोना से 10 मौत व करीब सवा तीन सौ कोरोना मरीज सामने आने के बाद होम क्वारंटाइन वालों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। जिले में ऐसे 519 लोग हैं, जिन्हें होम क्वारंटाइन में रखा गया है। चूंकि इनमें कई मुंबई व दिल्ली जैसे कोरोना हॉट स्पाट बन चुके राज्यों से भी पहुंचे हैं, ऐसे में अफसरों की निगरानी की परेशानी ज्यादा बढ़ चुकी है।
कोवा एप से ऐसे होती है निगरानी
कोई किसी अन्य राज्य से आता है तो उसके लिए 14 दिन होम क्वारंटाइन होना जरूरी है ताकि कोई कोरोना के लक्षण हों तो इन दिनों में पता चल सके। जिला प्रशासन सीमा पर ही उन लोगों का ब्योरा ले लेता है। फिर उनके मोबाइल पर पंजाब सरकार का शुरू किया कोवा एप डाउनलोड कर दिया जाता है। उस एप में होम क्वारंटाइन व्यक्ति का नाम-पता, मोबाइल नंबर समेत पूरी जानकारी फीड कर दी जाती है। उसकी लोकेशन ऑन करने के बाद वो पंजाब सरकार के केंद्रीय सर्वर से जुड़ जाता है। फिर कंट्रोल रूम में बैठकर उसकी लोकेशन देखी जा सकती है।
बहाने : किसी का नेट पैक खत्म, कहीं रिश्तेदार ले गया मोबाइल
जिले में ऐसे कई लोग पकड़े गए हैं, जो क्वारंटाइन की अवधि में ऑनलाइन सर्वर से गायब रहे या फिर घर से किसी दूसरी जगह गए। ऐसे लोगों से जब पूछा गया तो वो बहाने बनाने लगे कि उनका इंटरनेट पैक खत्म हो गया था। इस कारण लोकेशन का पता नहीं चला। किसी ने कहा कि उसका भतीजा मोबाइल लेकर गया था, वो तो खुद घर पर ही रहा। किसी ने कहा कि उनके परिवार के पास एक ही नंबर है, कोई रिश्तेदार मोबाइल लेकर गया था। किसी ने कहा कि मोबाइल का चार्ज खत्म हो गया था, तो फोन स्विच ऑफ हो गया। किसी ने कहा कि रिचार्ज कराना भूल गया था, इसलिए मोबाइल बंद हो गया। किसी ने कहा कि बच्चा मोबाइल पर गेम खेलते कहीं चला गया होगा।
अब प्रशासन को बनानी पड़ी टीमें
ऑनलाइन निगरानी में बहानेबाजी से गच्चा खाने के बाद अब प्रशासन इनकी घर-घर जाकर निगरानी करेगा। इसके लिए सिविल व पुलिस प्रशासन की 696 स्पेशल टीमें बनानी पड़ी हैं। यह टीमें होम क्वारंटाइन किए लोगों के घर जाकर रोज जांच करेंगी। इसके साथ पड़ोसियों व इलाके के लोगों को भी जागरूक करेंगी कि इन पर नजर रखें क्योंकि उनके बाहर आने-जाने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है। ऐसे में वो भी कोरोना के मरीज बन सकते हैं। उनसे लगातार टीमें संपर्क भी रख रही हैं।
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